उतार-चढ़ाव के बाद आज लगातार दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी बढ़ने से बाजार पर दबाव रहा। कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों की वजह से भी घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 112 अंक यानी 0.56% की गिरावट के साथ 20,112 पर बंद हुआ। निफ्टी 43 अंक यानी 0.70% की गिरावट के साथ 6114 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.89% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.62% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.43% की कमजोरी रही। आज के कारोबार में रियल्टी और ऑटो क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
मिले-जुले एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत उतार-चढ़ाव के साथ हुई। हालाँकि कारोबार के शुरुआती मिनटों में बाजार बढ़त बनाने में कामयाब रहा, लेकिन कारोबार के पहले ही घंटे में बाजार लाल निशान पर फिसल गया। इस दौरान बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। कमजोर यूरोपीय संकेतों की वजह से बाजार में दबाव बढ़ा। इस दौरान बाजार की गिरावट में इजाफा हुआ। दोपहर 2 बजे के आसपास बाजार हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहा। इस दौरान बाजार की मजबूती बढ़ी। सेंसेक्स 20,308 और निफ्टी 6180 दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे, लेकिन कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार बढ़त गँवा कर लाल निशान पर फिसल गया। इस दौरान बाजार में गिरावट बढ़ी। सेंसेक्स 20,073 और निफ्टी 6102 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 2.59% का घाटा हुआ। ऑटो में 1.75%, पावर में 1.06% और पीएसयू में 1.00% की गिरावट रही। बैंकिंग में 0.88%, हेल्थकेयर में 0.85%, तेल-गैस में 0.81%, धातु में 0.66%, एफएमसीजी में 0.35% और कैपिटल गुड्स में 0.33% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, आईटी में 0.80% की मजबूती रही। टीईसीके में 0.44% की बढ़त रही। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.01% की मामूली बढ़त रही। (शेयर मंथन, 21 मई 2013)
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