कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज लगातार चौथे दिन तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स (Sensex) 20,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चला गया। निफ्टी (Nifty) भी 6000 के स्तर से नीचे फिसल गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा राहत पैकेज वापस लिये जाने की संभावनाओं के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी बढ़ने से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। वहीं, एशियाई बाजारों में तीखी गिरावट से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 388 अंक यानी 1.93% की गिरावट के साथ 19,674 पर बंद हुआ। निफ्टी 127 अंक यानी 2.09% की गिरावट के साथ 5967 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 2.07% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 1.99% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.20% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और कैपिटल गुड्स क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। बाजार खुलते ही सेंसेक्स 20,000 के स्तर के नीचे चला गया। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार की गिरावट बढ़ी। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार आगे बढ़ता गया, वैसे-वैस बाजार की गिरावट भी बढ़ती चली गयी। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। निफ्टी 6000 के स्तर के नीचे चला गया। इस दौरान बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार फिसलता चला गया। इस दौरान सेंसेक्स 19,635 और निफ्टी 5956 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 5.95% का घाटा हुआ। कैपिटल गुड्स में 5.19%, पावर में 3.96%, बैंकिंग में 2.84%, पीएसयू में 2.68%, तेल-गैस में 2.65%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.02%, धातु में 1.90%, ऑटो में 1.58%, हेल्थकेयर में 1.30% और टीईसीके में 1.09% की गिरावट रही। एफएमसीजी में 0.90% और आईटी में 0.64% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 23 मई 2013)
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