राजेश रपरिया
अगस्त 2023 में मुख्य सूचकांकों में गिरावट के बावजूद डीमैट खाते खोलने वाले नये निवेशकों में काफी अधिक वृद्धि दर्ज की गयी। अगस्त में खुलने वाले डीमैट खातों की संख्या 19 महीनों में सबसे अधिक रही।
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी की तरफ से जारी किये गये आँकड़ों के अनुसार अगस्त में खोले गये डीमैट खातों की संख्या 31 लाख से अधिक रही, जो जनवरी 2022 के बाद से सबसे अधिक है।
इसकी तुलना में जुलाई 2023 में 29.7 लाख और अगस्त 2022 में 21 लाख डीमैट खाते खोले गये थे। इस तरह जुलाई 2023 के मुकाबले 2.51% और अगस्त 2022 के मुकाबले 25.83% की वृद्धि हुई है। अगस्त में खोले गये 31 लाख से अधिक डीमैट खातों के साथ ही कुल डीमैट खातों की संख्या 12.66 करोड़ से ऊपर हो गयी है। हालाँकि सेंसेक्स और निफ्टी में अगस्त में लगभग 2.5% की गिरावट आयी है, जबकि व्यापक बाजार सूचकांकों को देखें तो बीएसई मिडकैप में 2.6% और स्मॉलकैप में 6.1% की तेजी रही है। मिडकैप और स्मॉलकैप में बढ़ोतरी को रिकॉर्ड संख्या में नये डीमैट खाते खोले जाने का एक कारण माना जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन से शेयर बाजार सर्वकालिक शिखर पर पहुँच गया और इसके चलते नये निवेशकों में भरोसा बढ़ा है। इसे लंबी अवधि के लिहाज से भारत के लिए बहुत अच्छा संकेत माना जा रहा है। वहीं सरकार की छोटी और लंबी अवधि की इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और निजी क्षेत्र की ओर से किये गये पूँजीगत खर्च के चलते माँग में वृद्धि भी शेयर बाजार के लिए अच्छा संकेत है, जिसने नये निवेशकों को आकर्षित किया है। खास कर युवा वर्ग में ऐसे लोग शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं, जिन्होंने हाल-फिलहाल में कमाना शुरू किया है। (शेयर मंथन, 8 सितंबर 2023)
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