मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक शुक्रवार (07 जून) को निफ्टी ने सपाट शुरुआत की, मगर जल्द ही इसमें मजबूती आयी जो पूरे सत्र के दौरान बनी रही। ये 469 अंक (2.1%) की बढ़त के साथ दिन के उच्च स्तर 23290 के स्तर के करीब बंद हुआ।
भारतीय रिजर्व बैंक के नर्म रुख वाली टिप्पणी और वित्त वर्ष-2025 में जीडीपी वृद्धि के अनुमान में बढ़ोतरी से बाजार भावना में मजबूती आयी। निफ्टी अब 23,338 के रिकॉर्ड उच्च स्तर से महज 48 अंक दूर है। मिडकैप 100/स्मॉलकैप 100 में 1.5%/2.3% की बढ़त के साथ व्यापक बाजार में भी रैली देखने को मिली। सभी क्षेत्रीय सूचकांक हरे निशान में बंद हुए, जिसमें आईटी क्षेत्र 3% की उछाल के साथ सबसे आगे रहा, इसके बाद ऑटो, रियल एस्टेट आदि जैसे ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्र रहे।
अस्थिरता सूचकांक इंडिया विक्स एक माह के निचले स्तर 16 पर आ गया, जो सरकार गठन पर बाजार की बेचैनी में कमी का संकेत देता है। मजबूत घरेलू आर्थित आँकड़ों, घटते तेल के दाम और एनडीए द्वारा सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को गठबंधन का नेता चुनने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। अपने अमेरिकी एवं ब्रिटिश समकक्ष से पहले कदम उठाते हुए यूरोपियन सेंट्रल बैंक द्वारा पाँच साल में पहली बार ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा ने वैश्विक संकेतों ने भी सकारात्मक में इजाफा किया।
मौजूदा मैक्रो आँकड़ों को देखते हुए अब उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी फेड सितंबर बैठक के दौरान ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अगले हफ्ते वित्त, रक्षा, सड़क, ऊर्जा, वाणिज्य और रेलवे जैसे अहम कैबिनेट पोर्टफोलियो के बंटवारे पर बाजार की नजर रहेगी। बाजार में ऊपर की तरफ झुकाव के साथ अस्थिरता जारी रह सकती है।
(शेयर मंथन, 07 जून 2024)
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