लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ क्या अब एनडीए के सहयोगी दलों की खींचतान आगे और बढ़ेगी? चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के बगावती तेवरों के बीच एनडीए के भविष्य और 2019 की चुनावी तस्वीर पर जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार और निवेश मंथन के सलाहकार संपादक राजेश रपरिया के साथ चर्चा की राजीव रंजन झा ने।
राजेश रपरिया का कहना है कि तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने आंध्र प्रदेश की स्थानीय राजनीति के दबावों के चलते मजबूरी में एक भावनात्मक मुद्दा उछालने की कोशिश की है। हालाँकि रपरिया बताते हैं कि अब संवैधानिक रूप से ही किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं रह गया है।
इस समय उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उपचुनावों में किसका पलड़ा भारी है और नतीजों के असर किस तरह के होंगे, इन सवालों पर चर्चा की गयी हैं। देखें यह पूरी बातचीत नीचे दिये लिंक पर क्लिक करके :
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(शेयर मंथन, 09 मार्च 2018)