कारोबारी हफ्ते के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक शुरुआती भारी गिरावट से उबर कर हल्की कमजोरी के साथ बंद हुए।
बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 68 अंक यानी 0.37% की कमजोरी के साथ 18,328 पर रहा। निफ्टी 6 अंक यानी 0.11% की गिरावट के साथ 5,506 पर बंद हुआ। एनएसई के मँझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 0.53% की कमजोरी रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.44% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.80% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और एफएमसीजी क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
एशियाई शेयर बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। बाजार खुलते ही निफ्टी 5,500 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीच फिसल गया। शुरुआती मिनटों में सेंसेक्स 18,038 और निफ्टी 5,417 तक लुढ़क गये। हालाँकि कुछ देर के बाद बाजार कुछ सँभला। दोपहर के कारोबार में बाजार और सँभल गया। निफ्टी 5,500 के स्तर के पार चला गया। दोपहर बाद के कारोबार में यूरोपीय शेयर बाजारों से मिल रहे नकारात्मक संकेतों के बीच भारतीय बाजार में गिरावट एक बार फिर बढ़ गयी। निफ्टी 5,500 के स्तर के नीचे चला गया। हालाँकि कारोबार के अंतिम घंटे में बाजार अचानक सँभल गया और इसने हरे निशान को छू लिया। निफ्टी 5,500 के पार चला गया। लेकिन बाजार हरे निशान पर टिक न सका। आखिरकार निफ्टी 5,500 के ऊपर बंद होने में सफल रहा।
क्षेत्रों के लिहाज से आज रियल्टी सूचकांक में सबसे ज्यादा 2.23% की गिरावट रही। एफएमसीजी को 2%, टीईसीके को 1.52% और आईटी को 1.47% का घाटा सहना पड़ा। दूसरी ओर, कैपिटल गुड्स को 3.26%, पावर को 1.31%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को 1.22% और तेल-गैस को 1.22% का फायदा हुआ। पीएसयू में 0.81% , हेल्थकेयर में 0.74%, बैंकिंग में 0.64%, ऑटो में 0.60% और धातु में 0.25% की मजबूती रही। (शेयर मंथन, 31 जनवरी 2011)
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