यूरोपीय शेयर बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में कारोबार के अंतिम घंटे में तेज बिकवाली हुई।
इसकी वजह से बाजार के प्रमुख सूचकांक भारी गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी (Nifty) 5,400 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे फिसल गया।
बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 441 अंक यानी 2.39% की कमजोरी के साथ 18,008 पर रहा। निफ्टी 131 अंक यानी 2.37% की गिरावट के साथ 5,396 पर बंद हुआ। एनएसई के मँझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 1.22% की कमजोरी रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.37% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.57% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और एफएमसीजी क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
आज सुबह भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों की शुरुआत सपाट हुई। कारोबार के पहले घंटे में बाजार लाल निशान पर ही एक सीमित दायरे में ही रहा। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार कुछ मिनटों के लिए हरे निशान पर चला गया। इस दौरान सेंसेक्स 18,542 और निफ्टी 5,556 तक चढ़ गये। लेकिन कारोबार के तीसरे घंटे में बाजार बढ़त गँवा कर लाल निशान पर चला गया। फिर जैसे-जैसे कारोबार आगे बढ़ता गया। वैसे-वैसे बाजार की गिरावट बढ़ती गयी। निफ्टी 5,500 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे चला गया। दोपहर बाद के कारोबार में यूरोपीय शेयर बाजारों से मिल रहे सकारात्मक संकेतों के बावजूद भारतीय बाजार में गिरावट कायम रही। कारोबार के अंतिम घंटे में बाजार की गिरावट और बढ़ गयी। सेंसेक्स 18,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे चला गया। निफ्टी भी 5,400 के स्तर के नीचे फिसल गया। इस दौरान सेंसेक्स 17,926 और निफ्टी 5,369 तक लुढ़क गये। हालाँकि कारोबार के अंतिम घंटों में बाजार कुछ सँभला। आखिरकार सेंसेक्स 18,000 के ऊपर बंद होने में सफल रहा।
क्षेत्रों के लिहाज से आज रियल्टी सूचकांक में सबसे ज्यादा 3.37% की गिरावट रही। एफएमसीजी को 3.08%, टीईसीके को 2.28%, आईटी को 2.26%, बैंकिंग को 2.23%, कैपिटल गुड्स को 2.17%, ऑटो को 2.10%, तेल-गैस को 1.96%, पावर को 1.84% और धातु को 1.78% का घाटा सहना पड़ा। हेल्थकेयर में 1.49%, पीएसयू में 1.41% और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.2% की गिरावट रही। (शेयर मंथन, 04 फरवरी 2011)
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