ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स ने पैसेंजर व्हीकल और कमर्शियल व्हीकल कारोबार को डीमर्ज यानी अलग-अलग करने का फैसला लिया है।
बोर्ड ने डीमर्जर प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कंपनी के मुताबिक डीमर्जर की प्रक्रिया 12-15 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है। जहां तक शेयरहोल्डिंग पैटर्न का सवाल है तो इसमें दोनों लिस्टेड कंपनियों में सभी शेयरधारकों को बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी। आपको बता दें कि 2021 से दोनों कारोबार अलग-अलग सीईओ (CEO) यानी मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नेतृत्व में काम कर रही है। पहली कंपनी कमर्शियल व्हीकल के कारोबार और इससे जुड़े निवेश से संबंधित होगा, वहीं दूसरी कंपनी पैसेंजर व्हीकल से जुड़ा होगा जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल, JLR यानी जेएलआर और इससे जुड़ा निवेश शामिल होगा। एनसीएलटी (NCLT) स्कीम ऑफ अरैंजमेंट को डीमर्जर के लिए आने वाले महीनों में टाटा मोटर्स के बोर्ड के सामने रखा जाएगा। डीमर्जर प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सभी शेयरधारकों, क्रेडिटर्स के अलावा रेगुलेटरी मंजूरियां लेने में करीब 12-15 महीने लग जाएंगे।
डीमर्जर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों कारोबार अपने हिसाब से बेहतर वृद्धि हासिल करने के लिए रणनीति बना सकेंगे। इसके अलावा अवसरों को भुनाने के लिए अपने मुताबिक नीतियां बना पाएंगे।
आपको बता दें कि भारतीय कारोबार के लिए ऑपरेशनल और फाइनेंशियल रिपोर्टिंग पहले से ही अलग हैं। हालाकि पैसेंजर व्हीकल कारोबार में जेएलआर के शामिल होने से कंपनी की री-रेटिंग होगी।
इस डीमर्जर के फैसले से पीवी सेगमेंट को बड़ा फायदा मिल सकता है। कंपनी इंटरनल कंबशन इंजन यानी (ICE) यानी आईसीई, के अलावा ईवी पोर्टफोलियो और JLR पर ज्यादा फोकस कर पाएगी। साथ ही ईवी यानी बिजली से चलने वाली गाड़ियों, ऑटोनोमस व्हीकल और व्हीकल सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में बेहतर तालमेल बनाने में आसानी होगी। टाटा मोटर्स का शेयर बीएसई पर 0.12% गिर कर 987.20 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
(शेयर मंथन, 4 मार्च 2023)
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