भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने IIFL फाइनेंस पर प्रतिबंध लगा दिया है। आरबीआई ने कंपनी पर यह प्रतिबंध गोल्ड लोन बांटने के मामले में लगाया है।
कंपनी पर आरबीआई की ओर से की गई यह कार्रवाई बड़े स्तर पर नियमों के विरुद्ध और उल्लंधन के आरोप में की गई है। आरबीआई के मुताबिक कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में बड़े स्तर पर सुपरवाइजरी को लेकर चिंताएं देखने को मिली है। कंपनी पर लोन बांटने के दौरान सोने के आंकलन के अलावा उसकी शुद्धता नापने में नियमों का पालन नहीं किया गया है। साथ ही सोने का शुद्ध वजन डिफॉल्ट होने की स्थिति में नीलामी होने पर नहीं किया गया है। आरबीआई ने 31 मार्च 2023 को वित्तीय स्थिति का पता लगाने के लिए जांच की थी। आरबीआई ने कंपनी पर न केवल लोन बांटने और मंजूर करने पर रोक लगाई है, बल्कि गोल्ड लोन को बेचने या उसके सिक्योराइटिजिंग करने पर भी रोक लगाई है। हालाकि कंपनी को उसके मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो से जुड़े कलेक्शन और रिकवरी प्रक्रिया पर किसी तरह की रोक नहीं है। यही नहीं आरबीआई की जांच में लोन टू वैल्यू रेश्यो में भी गड़बड़ी पाई गई है। इसके अलावा बड़े स्तर पर नकदी में लोन भुगतान और कलेक्शन किए गए हैं जो कि तय सीमा से ज्यादा हैं। आरबीआई की ओर से उठाए गए सवालों में स्टैंडर्ड नीलामी प्रक्रिया,ग्राहकों के खाते को लेकर लगाए जाने वाले शुल्क को लेकर पारदर्शिता का अभाव जैसी चिंताएं देखने को मिली है। आरबीआई ने इन प्रैक्टिसेज को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है जिससे ग्राहकों के हितों पर भी बुरा असर डालता है। पिछले कुछ महीनों में आरबीआई ने कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट के अलावा स्टैचुएटरी ऑडिटर्स के साथ इन मसलों को लेकर बैठक की है। हालाकि इन चिंताओं को दूर करने के लिए कंपनी की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। इसके बाद ही आरबीआई ने यह कदम उठाया है।
(शेयर मंथन, 4 मार्च 2023)
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