रघुराम राजन के आरबीआई से हटने का एक असर बाजार पर थोड़े समय के लिए आ सकता है, क्योंकि अभी धारणा कमजोर बनी हुई है और ब्रेक्सिट (ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से विलगाव) पर जनमत संग्रह भी इस हफ्ते होने वाला है।
इसलिए बाजार पर इसका एक छोटा असर होगा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह कोई स्थायी चीज होगी। संभवतः बाजार वापस सँभल कर स्थिर हो जायेगा।
इसके अलावा, राजन को संभवतः यह संकेत भी दिया गया है कि कुछ समय बाद वे किसी अतिरिक्त प्रभार में वापस लाये जा सकते हैं। अभी हमें कुछ पता नहीं है। यह सरकार समझदारी से काम लेती है। इसलिए राजन को कुछ समय बाद किसी अन्य भूमिका में वापस लाया जा सकता है।
सुबह बाजार खुलने पर कितनी गिरावट आयेगी, यह आकलन करना तो अटकलबाजी होगी। लेकिन मैं नहीं मानता कि कोई लंबा नुकसान होगा। थोड़ी बहुत कमजोरी हो सकती है। ब्रेक्सिट के साथ-साथ राजन का जाना, इन दोनों बातों से बाजार कुछ फिसल सकता है। ब्रेक्सिट पर 23 जून को जनमत संग्रह होगा और उसी दिन इसके नतीजे भी आ जाने चाहिए।
इसलिए अभी कमजोर धारणा रहेगी, लेकिन नीचे के भावों पर कारोबार की मात्रा (वॉल्यूम) ज्यादा नहीं रहेगी। अगर बाजार एक अंतराल (गैप) के साथ कमजोर खुलता है तो वापस सँभलने की भी संभावना बनती है। आज के कारोबार (इंट्राडे) में ही बाजार सँभल सकता है। अगर बिना बड़ी मात्रा के तेजी से नीचे गया तो सँभलने की उम्मीद रहेगी।
मेरा मानना है कि भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था बुनियादी रूप से काफी मजबूत है। इसलिए बाजार में किसी भी कारण से आने वाली कोई भी गिरावट खरीदारी के लिए अच्छा मौका देती है।देवेन चोकसी, एमडी, केआर चोकसी सिक्योरिटीज (Deven Choksey, MD, KR Choksey Securities)
(शेयर मंथन, 20 जून 2016)
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