कर्नाटक में कई दिनों से चली आ रही सियासी हलचल में एक और नया मोड़ आ गया है। शक्ति प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफे से पहले विधानसभा में दिये अपने भाषण में येदियुरप्पा ने कहा कि यदि हमें 104 कि जगह 113 सीटें मिलती तो हम राज्य को स्वर्ग बना देते। उन्होंने अगले लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी 28 सीटें जीतने के साथ ही कभी भी दोबारा विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 150 सीटें जीतने का प्रण लिया। अपने पूरे जीनव को एक परीक्षा बताते हुए बीएस येदियुरप्पा ने अपने भाषण में कांग्रेस और जेडीएस पर हमला बोला औऱ कहा कि जनता ने इन दोनों पार्टियों को जनादेश नहीं दिया, बल्कि जनता ने हमें 104 सीटों के साथ आशीर्वाद दिया।
गौरतलब है कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज 4 बजे कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण करने का फैसला सुनाया था। कांग्रेस ने अपनी याचिका में राज्य के गवर्नर वजुभाई वाला के उस फैसले पर सवाल उठाये थे, जिसमें उन्होंने बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की स्वीकृति दी थी। आदालत ने शक्ति परीक्षण को सर्वश्रेष्ठ विकल्प बताते हुए कहा कि गवर्नर का फैसला सही था या गतल यह न्यायालय तय करेगा।
12 मई को हुए कर्नाटक में विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली थीं। 15 मई को नतीजे पूरे आने से पहले ही कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने की घोषणा कर दी, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री एचडीए देवगौड़ा की पार्टी ने स्वीकार भी कर लिया। दोनों पार्टियाँ मिल कर बहुमत का आँकड़ा छू रही थी, मगर सरकार बनाने के लिए जरूरी एमएलए की संख्या न होने के बावजूद बीजेपी ने भी बहुमत होने का दावा किया। दोनो पक्षों ने सरकार बनाने के लिए राज्य गवर्नर को पत्र सौंपा, जिसमें वजुभाई वाला ने भाजपा को सरकार बनाने के साथ ही बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की शपथ दिलवा दी थी। मगर अब बहुमत न होने के कारण उन्हें केवल ढाई दिनों में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। (शेयर मंथन, 19 मई 2018)