छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश (एमपी) सहित मंगलवार को आये पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को तगड़ा झटका लगा है।
तीनों हिंदी भाषी राज्यों, छत्तीसगढ़, राजस्थान और एमपी, में भाजपा (BJP) की सरकार थी, मगर तीनों ही राज्यों में पार्टी को हार झेलनी पड़ी है। एमपी में कांग्रेस (Congress) ने 114 सीटें जीती हैं, जबकि भाजपा के खाते में 109 सीटें आयी हैं।
एमपी में कांग्रेस 116 के सीटों के बहुमत आँकड़े से 2 सीट पीछे है। मगर पूरी संभावना जतायी जा रही है कि कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की दो और समाजवादी पार्टी (एसपी) की एक सीट का समर्थन मिल जायेगा। कांग्रेस ने राज्य के गवर्नर के पास सरकार बनाने की दावेदारी भी पेश कर दी है, जबकि शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है।
वहीं राजस्थान में भी कांग्रेस 99 सीटों पर जीत कर बहुमत से पिछड़ गयी। मगर राजस्थान में बीएसपी 6 सीटें जीती है और वहाँ भी कांग्रेस को बीएसपी का समर्थन मिलने की पूरी संभावना है। एमपी और राजस्थान में कांग्रेस को कुछ निर्दलीय विजेता भी समर्थन दे सकते हैं। राजस्थान में भाजपा के खाते में 73 सीटें आयी हैं, जबकि 2013 के चुनावों में पार्टी को 163 सीटों पर कामयाबी मिली थी।
उधर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है। कांग्रेस ने इस बार राज्य में 68 सीटों पर कामयाबी हासिल की, जबकि भाजपा के खाते में केवल 15 सीटें आयी हैं।
इसके अलावा तेलंगाना में टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 88 सीटों पर कब्जा किया, जबकि कांग्रेस के खाते में 19 और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को केवल 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा।
हालाँकि उत्तर पूर्व में कांग्रेस का आखरी किला भी ढग गया है। बात मिजोरम की हो रही है, जहाँ कांग्रेस 5 सीटों पर सिमट गयी, जबकि मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने 26 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है। 2013 के चुनावों में कांग्रेस ने मिजोरम में 34 सीटें हासिल की थीं। इस बार अन्य को मिजोरम में 8 सीटें मिली हैं, जबकि भाजपा राज्य में एक सीट के साथ खाता खोलने में कामयाब रही। (शेयर मंथन, 12 दिसंबर 2018)