कैफे कॉफी डे नाम से देश की सबसे बड़ी कॉफी श्रृंखला चलाने वाली कंपनी कॉफी डे इंटरप्राइजेज ने अपना आईपीओ (IPO) शेयर बाजार में उतारा है, जो 14 से 16 अक्टूबर तक खुला रहेगा।
एंजेल ब्रोकिंग (Angel Broking) ने इस आईपीओ पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस कंपनी के पास मजबूत ब्रांड इक्विटी और बाजार में जबरदस्त पैठ है। देश में कॉफी आउटलेट श्रृंखलाओं में कॉफी डे की बाजार हिस्सेदारी दिसंबर 2014 के अंत में लगभग 46% थी। मगर इसके आईपीओ को एंजेल ने ऊँचे मूल्यांकन पर, यानी महँगा बताया है। लिहाजा एंजेल ने इस आईपीओ को लेकर उदासीन राय दी है।
दरअसल कंपनी ने 2010-15 के वर्षों में कंसोलिडेटेड आमदनी में लगभग 30% की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी की है, मगर ऊँचे मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) और ब्याज लागत की वजह से इसने वित्त वर्ष 2014-15 में 87 करोड़ रुपये का घाटा ही दिखाया है। कॉफी डे ने कॉफी श्रृंखला के अलावा कई अन्य व्यवसायों में भी पाँव फैलाये हैं, मगर इन व्यवसायों में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। यह अपनी सहायक कंपनियों के जरिये लॉजिस्टिक्स, वित्तीय सेवाएँ, सेवा-सत्कार (हॉस्पिटैलिटी) और टेक्नोलॉजी पार्क जैसे व्यवसायों में भी सक्रिय है।
कॉफी डे ने बेंगलूरु में 1996 में अपना पहला आउटलेट खोला था। इस समय यह देश के 219 शहरों में 1538 आउटलेट की श्रृंखला चलाती है। इसके अलावा कंपनी 12 शहरों में 561 कॉफी डे एक्सप्रेस किऑस्क भी चला रही है। साथ ही इसके 412 फ्रेश ऐंड ग्राउंड (एफऐंडजी) आउटलेट भी हैं। कंपनियों और संस्थागत ग्राहकों के लिए इसने देश भर में 30,916 वेंडिंग मशीनें भी लगा रखी हैं।
अपने मूल कारोबार में कॉफी डे की मजबूत उपस्थिति के बावजूद एंजेल ने इस आईपीओ के लिए उदासीन रेटिंग दी है। ब्रोकिंग फर्म के विश्लेषक अमरजीत एस मौर्य ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सहायक कंपनियों में बेहद मामूली लाभ या नुकसान होने और कंपनी की होल्डिंग संरचना बहुत जटिल होने के कारण उन्होंने इस आईपीओ पर उदासीन रहने की सलाह दी है। (शेयर मंथन, 12 अक्टूबर 2015)
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