इस साल फरवरी में हुई नीलामी में आवंटित स्पेक्ट्रम अब तक नहीं मिलने पर भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने दूरसंचार विभाग (DoT) को शिकायती चिट्ठी भेजी है।
एयरटेल ने विभाग के सामने दुखड़ा सुनाया है कि आवंटन के बाद छह महीने से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी स्पेक्ट्रम नहीं मिलने की वजह से उसे वित्तीय नुकसान हो रहा है। इस नुकसान के बदले कंपनी ने सीधे तौर पर मुआवजा तो नहीं माँगा है, लेकिन टेलीकॉम क्षेत्र के नियामक टीआरएआई की उस सिफारिश का उल्लेख जरूर किया है, जिसमें नियामक ने कहा था कि भुगतान की तिथि से एक महीने के बाद स्पेक्ट्रम आवंटन में जितनी देरी हो, उस पर टेलीकॉम सेवा कंपनी को एसबीआई की पीएलआर की दर से मुआवजा मिलना चाहिए। हालाँकि कंपनी सूत्रों ने बताया कि इस पत्र में मुआवजे का जिक्र रकम वापस लेने के लिए नहीं, बल्कि शिकायत के रूप में ही है।
एयरटेल के सूत्रों ने शेयर मंथन को बताया कि यह चिट्ठी 4 सितंबर को भेजी गयी है। सूत्रों के मुताबिक इस पत्र में एयरटेल ने शिकायत की है कि हमने नीलामी की कीमत और बैंक गारंटी का भुगतान कर दिया है, मगर विभाग ने अब तक स्पेक्ट्रम का आवंटन नहीं किया है। एयरटेल का कहना है कि स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद भी उसे उपकरण वगैरह की खरीद में समय लगेगा और फिर ग्राहकों की सेवा को नये स्पेक्ट्रम में ले जाना होगा। इन सब कामों में समय लगेगा। नीलामी की रकम चुकाने के लिए एयरटेल ने जो कर्ज लिया है, उसकी ब्याज लागत का हवाला देते हुए कंपनी ने विभाग से कहा है कि स्पेक्ट्रम मिलने में देरी के चलते उसे वित्तीय रूप से नुकसान हो रहा है। एयरटेल ने दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में स्पेक्ट्रम के लिए फरवरी की नीलामी में 5,525 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और साथ ही 2,542 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी है। कंपनी ने फरवरी में 18 सर्किलों का स्पेक्ट्रम कुल 18,500 करोड़ रुपये में हासिल किया था। इनमें से 15 सर्किलों के स्पेक्ट्रम 1800 मेगाहर्ट्ज और 3 सर्किलों के स्पेक्ट्रम 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के हैं।
कंपनी ने दूरसंचार विभाग के सामने अपनी परेशानी सामने रखते हुए कहा है कि स्पेक्ट्रम मिलने में देरी से उसकी कारोबारी योजना पर बुरा असर हो रहा है। इसके चलते मौजूदा नेटवर्क के विस्तार और नये नेटवर्क को बिछाने में विलंब हुआ है। एयरटेल के लिए यह स्पेक्ट्रम इसलिए काफी महत्वपूर्ण है कि उसका 20 साल का पिछले लाइसेंस की अवधि इस साल नवंबर में समाप्त हो रही है। यह अवधि समाप्त होने से पहले उसके लिए जरूरी है कि वह अपने नेटवर्क को इस साल फरवरी की नीलामी में हासिल नये स्पेक्ट्रम के फ्रीक्वेंसी बैंड में ले जाये।
इसी तरह की परेशानी वोडाफोन की भी है। उसे भी फरवरी में आवंटित स्पेक्ट्रम अब तक नहीं मिला है। उसने एयरटेल से काफी पहले ही विभाग को पत्र लिख कर स्पेक्ट्रम मिलने में देरी की शिकायत की थी। हालाँकि इस समय कंपनी के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
शेयर बाजार में आज भारती एयरटेल के शेयर में मजबूती का रुझान है। बीएसई में सुबह करीब 10.45 बजे भारती का शेयर भाव 6.60 रुपये या 1.64% की बढ़त के साथ 409.80 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 9 सितंबर 2014)
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