भारतीय बाजार का रुख सकारात्मक ही लग रहा है। घरेलू बाजार में एफआईआई निवेश का कम होना बाजार के लिए चिंताजनक है।
विश्व में डिफ्लेशन यानी नकारात्मक महँगाई दर की स्थितियाँ बढ़ रही हैं। वहीं फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें बढ़ने, तेल कीमतों के बढ़ने और भूराजनयिक तनाव पैदा होने पर भी बाजार की चिंताओं में इजाफा होगा। विश्व के उभरते बाजारों में प्रीमियम मूल्यांकनों को उचित ठहराने लायक रफ्तार से आय नहीं बढ़ पा रही है।
वहीं, घरेलू राजनीति में उग्र नेताओं का बेलगाम होना भी अच्छा संकेत नहीं है। दूसरी ओर आर्थिक विकास में बढ़ोतरी और कम ब्याज दरों की उम्मीद बाजार के लिए सकारात्मक है। कॉर्पोरेट जगत की आय बढ़ने की रफ्तार तेज होना, अर्थव्यवस्था में सुधार और मजबूत घरेलू खपत भी बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। अशोक अग्रवाल, निदेशक, एस्कॉर्ट्स सिक्योरिटीज (Ashok Agarwal, Director, Escorts Securities)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)