अविनाश गोरक्षकर, सीआईओ, प्रिसीजन इन्वेस्टमेंट
वर्ष 2016 के उम्मीद भरा बने रहने की संभावना है लेकिन वैश्विक कारक बाजार की चाल को बदलते रहेंगे। हमारा अनुमान है कि 2016 में भी विदेशी संस्थागत निवेशक लंबे समय तक शुद्ध बिकवाल बने रहेंगे।
फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में बढ़ोतरी अल्पकाल में नकारात्मक असर डालेगी, लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के चलते दीर्घकाल में यह सकारात्मक असर डालेगी। डॉलर का मजबूत होना और रुपये का कमजोर होना, विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी और कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे चिंता की वजह बने हुए हैं। (शेयर मंथन, 08 जनवरी 2016)