मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक सोमवार को भारतीय शेयर बाजार लगातार चौथे कारोबार सत्र में तीव्र गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी 50 23,087 के स्तर पर 346 अंकों की गिरावट के साथ 1.5% नीचे रहा।
इसके साथ ही निफ्टी पिछले 7 करोबारी सत्र में कम से कम 5% टूट चुका है, 7 महीनों का निम्न स्तर छू लिया है। सभी क्षेत्रीय सूचकांकों के लाल निशान में बंद होने के साथ ही आज व्यापक आधार पर बिकवाली दर्ज की गयी। बाजार गिराने वालों में रियल्टी सूचकांक 6.5% गिरावट के साथ सबसे आगे रहा, इसके बाद मीडिया, मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स रहे।
व्यापक बाजार में भारी बिकवाली देखी गयी, निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 में लगभग 4% की गिरावट आई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निरंतर बिकवाली इस महीने 20,000 करोड़ रुपये का आँकड़ा पार कर गयी, जिससे नकारात्मक धारणा को बढ़ावा मिला।
सत्र के दौरान भारतीय रुपये ने 86.04 रुपये का नया निम्न स्तर छुआ, जो अमेरिका के अनुमान से बेहतर गैर कृषि आँकड़ों के कारण दबाव में था जिससे धारणा कमजोर हो गयी और इसके परिणामस्वरूप डॉलर सूचकांक मजबूत हुआ। इस बीच अमेरिकी प्रतिबंधों के विस्तार की वजह से रूसी क्रूड की आपूर्ति बाधित होने के कारण तेल की कीमतें तीन माह के अपना उच्च स्तर पर चली गयीं, जिसने वैश्विक अनिश्चिचितता और बढ़ गयी।
भारत की वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में नरम होकर 5.22% पर आ गयी, जो पिछले माह में 5.48% पर थी। मुद्रास्फीति में ये नरमी गिरते बाजार को कुछ समर्थन प्रदान कर सकती है। हालाँकि कल अमेरिका के पीपीआई आँकड़ों को लेकर निवेशक सतर्क रहेंगे।
(शेयर मंथन, 13 जनवरी 2025)
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