शेयर मंथन में खोजें

3000 पर सेंसेक्स !

राजीव रंजन झा

शंकर शर्मा फर्स्ट ग्लोबल के निदेशक हैं और भारतीय शेयर बाजार के कुछ बेहद चमकदार नामों में से एक हैं। हाल में उनकी बातों का वजन कुछ इसलिए भी बढ़ा है, क्योंकि सेंसेक्स के चार अंकों में लौटने की बात उन्होंने तब कही थी, जब जनवरी-फरवरी के झटकों के बाद सेंसेक्स 17,000 के आसपास चल रहा था। तब शायद ही किसी को इस बात पर यकीन था।

एशियाई बाजारों में कमजोरी

सोमवार को यूरोपीय और अमेरिकी शेयर बाजारों में आयी गिरावट के बाद मंगलवार को एशियाई शेयर बाजारों में लाली छायी हुई है। भारतीय समयानुसार 11:15 बजे इडोनेशिया के जकार्ता कंपोजिट सूचकांक में 5.3% की कमजोरी है। चीन के शंघाई कंपोजिट सूचकांक में 3.28% की गिरावट है। कॉस्पी सूचकांक 3.21% नीचे चल रहा है, जबकि ताइवान वेटेड सूचकांक में 3.03% की गिरावट है।

भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट जारी

2:00: अभी कुछ देर पहले तक वापसी करते दिख रहे भारतीय शेयर बाजारों में एक बार फिर गिरावट बढ़ने लगी है। इस समय सेंसेक्स 274 अंक नीचे 9,017 पर है। निफ्टी 79 अंक नीचे 2,721 पर है। सीएनएक्स मिडकैप में 1.19% की गिरावट है, जबकि बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 2% से अधिक की कमजोरी है। बीएसई के सभी क्षेत्रवार सूचकांकों में गिरावट है।  आईटी सूचकांक में 4.49% की गिरावट है। बैंकिंग सूचकांक में भी 4% से अधिक की कमजोरी है। टीईसीके, पावर, पीएसयू और धातु सूचकांक 3% से अधिक की गिरावट पर हैं। टाटा मोटर्स में 2% से अधिक की मजबूती है।

यूरोप-अमेरिका पस्त, एशिया में लाली

जी-20 सम्मेलन में कोई महत्वपूर्ण घोषणा न किये जाने के प्रति वैश्विक शेयर बाजारों ने निराशा प्रकट की है।  विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा नौकरियों में की जा रही कटौती की लगातार घोषणाओं के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को डॉव जोंस 2.63% की गिरावट के साथ बंद हुआ। नैस्डैक में भी 2.29% की गिरावट रही। यूरोप में एफटीएसई 100 में 2.38% की कमजोरी रही। डैक्स और कैक 40 भी 3% से अधिक कमजोरी के साथ बंद हुए। मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार 8 बजे शंघाई कंपोजिट को छोड़ कर शेष एशियाई बाजारों में गिरावट है। शंघाई कंपोजिट लगभग 1% ऊपर चल रहा है। निक्केई, कॉस्पी और ताइवान वेटेड में लगभग 2% की कमजोरी है। स्ट्रेट टाइम्स लगभग 1% नीचे चल रहा है।

कच्चे तेल के भाव में गिरावट

कच्चे तेल के भाव में गिरावट  आयी है। न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज में शुक्रवार को कच्चा तेल 57.04 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा इसलिए हुआ है कि जी20 की बैठक में कोई ठोस कदम की घोषणा नहीं हो पायी। इसी वजह से अब निवेशकों को समझ में नहीं आ रहा कि इस वैश्विक मंदी का मुकाबला किस तरह किया जाएगा।

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"