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तो अब चीन का पैकेज

राजीव रंजन झा

भारत और अमेरिका या दूसरी संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं की तुलना करते समय अक्सर हम बड़े संतोष के साथ कहते हैं कि चलो हमारी विकास दर भले ही कुछ घट रही हो, लेकिन हमारी स्थिति अमेरिका और यूरोप से काफी अच्छी है। हमारी विकास दर कितनी भी घटे, यह नकारात्मक तो नहीं होने वाली। लेकिन विकास दर की रफ्तार में लगातार हमसे दो कदम आगे ही चलते रहने वाले चीन ने एक बार फिर बताया है कि तेज विकास का कोई विकल्प नहीं है और इसमें आत्मसंतुष्टि की कोई जगह नहीं है।

अच्छी शुरुआत होगी, पर मुनाफावसूली संभव

नीरज दीवान, निदेशक, क्वांटम सिक्योरिटीज

आज के कारोबार के बारे में मेरा मानना है कि बाजार मजबूती के साथ खुलेंगे, क्योंकि वैश्विक संकेत अच्छे दिख रहे हैं। लेकिन दोपहर बाद यदि यूरोपीय बाजारों में गिरावट का रुख देखने को मिला, तो हो सकता है कि हमारे यहाँ भी मुनाफावसूली शुरू हो जाये।

निजी बैंकों की हिचक

राजीव रंजन झा

ब्याज दरें ऊपर चढ़ने का चक्र पूरा हो चुका है और अब इनके नीचे जाने का समय आ चुका है – यह बात सबसे पहले जिन लोगों ने कही थी उनमें आईसीआईसीआई बैंक के एमडी के वी कामत शामिल हैं।

डॉव जोंस गिरा, एशिया में भी छायी लाली

गुरुवार को कई नकारात्मक खबरों के बीच एक बार फिर अर्थव्यवस्था में मंदी की चिंता अमेरिकी निवेशकों पर हावी होती दिखी, जिससे डॉव जोंस में 443 अंकों की बड़ी गिरावट आयी। आज सुबह एशियाई बाजारों में भी गिरावट दिख रही है।

महंगाई दर 13% के ऊपर भी जा सकती है

अरुण केजरीवाल, निदेशक, क्रिस

कल भारतीय बाजार में आयी कमजोरी को मोटे तौर पर एक सुधार (करेक्शन) के रूप में समझा जा सकता है, क्योंकि जब कोई बाजार 6 कारोबारी सत्रों में लगभग 42% मजबूत हो जाये, तो बाजार में आयी ऐसी बढ़त कभी टिका नहीं करती। आज के बाजार के बारे में मेरा मानना है कि कमजोर वैश्विक संकेतों के मद्देनजर बाजार कमजोर खुलेंगे, हो सकता है कि बाद में कुछ वापसी देखने को मिल जाये।

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