
Expert Prakash Deewan: दीवाली के आसपास एफआईआई ने भारतीय बाजार में बिकवाली शुरू की और यहाँ से पैसा निकाल कर वे अमेरिका ले गये। अमेरिकी बॉन्ड ईल्ड उस समय 4.6 तक चली गयी। बॉन्ड ईल्ड बढ़ने का मतलब है कि वहाँ के डेट यानी ऋण परिपत्र में पैसा लगाने पर 6.5% का प्रतिफल प्राप्त हो रहा था। इसमें उन्हें दोहरा फायदा था।
एक तो रिटर्न अच्छा मिल रहा था, दूसरे रुपये के गिरते मूल्य का खामियाजा उन्हें नहीं भुगतना पड़ रहा था। इसके अलावा वहाँ उन्हें टैक्स भी नहीं देना पड़ रहा था। विदेशी निवेशकों ने अपना पैसा यहाँ से निकाल कर यूरोप और चीन के बाजारों में लगाया। मेरा मानना है कि ये सिलसिला अभी जुलाई-अगस्त तक चलेगा।
(शेयर मंथन, 21 मार्च 2025)
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