ब्रोकिंग फर्म एसएमसी ग्लोबल का अनुमान है कि ऑटोमोटिव एक्सेल्स के शेयर की कीमत आने वाले 8-10 महीनों के अवधि में 871 रुपये तक जा सकती है।
यह कंपनी के शेयर के मौजूदा भाव से 23% ज्यादा है। एसएमसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2016-17 में की प्रति शेयर आय (EPS) 26.93 रुपये होगी, जिस पर 32.35 के पीई अनुपात के मूल्यांकन पर इसने रुपये का लक्ष्य भाव 871 रुपये तय किया है। ऑटोमोटिव एक्सेल्स कलयाणी ग्रुप और अमेरिकी कंपनी मेरीटर का संयुक्त उद्यम है। कर्नाटक और जमशेदपुर में कंपनी की उत्पादन इकाई है। कंपनी ड्राइव एक्सेल्स, गैर ड्राइव एक्सेल्स, फ्रंट स्टीर एक्सेल्स, विशेष और रक्षा एक्सेल्स और ड्रम और डिस्क ब्रेक्स का विनिर्माण करती है। कंपनी के घरेलू ओईएम ग्राहकों में अशोक लेलैंड, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एशिया मोटर वर्क्स शामिल है। कंपनी अमेरिका, फ्रांस. इटली,चीन और ब्राजील में उत्पादों का निर्यात करती है जो वैश्विक स्तर पर कंपनी की स्थिति को मजबूत करती है। कंपनी ने अपने उत्पाद पोर्टफोलियों का विस्तार किया है जिसमें ऑफ हाइवे एक्सेल्स शामिल है। इसके अलावा कंपनी एक्सेल्स हाउसिंग और अस्सेम्बलीज़, ड्रम और एयर डिस्क ब्रेक अस्सेम्बलीज़ का उत्पादन भी करती है जो इसे देश में रीअर ड्राइव एक्सेल्स अस्सेम्बलीज़ का सबसे बड़ा निर्माता बनाता है। कंपनी के प्रबंधन के मुताबिक कंपनी नये उत्पाद को विकसित करने और बड़े ग्राहकों की जरुरत को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है जो एमसीएचवी की मांग में और बढ़ोतरी होगी जिससे कंपनी को बाजार में अपने हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी ने उत्पाद को बढ़ाने के लिए जमशेदपुर में नया संयंत्र की स्थापना की है जो मुख्य रुप से ब्रेक्स और एक्सेल्स का निर्माण करेगी। इसके अलावा कंपनी ने नये उत्पाद विकसित करने की रणनीति के तहत मैसूर में संयंत्र की शुरुआत की है। वर्तमान में यह संयंत्र प्रति माह 300 हब रिडक्श्न एक्सेल्स का उत्पादन कर सकती है और आगे इसकी क्षमता को 600 सेट तक बढ़ाया जा सकता है। कंपनी ने जून में समाप्त तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 11.06 करोड़ रुपये रहा था। साल दर साल कंपनी की लाभ में 41.6% की वृद्धि हुई है। कंपनी की आय 24.7% बढ़ कर 291.95 करोड़ रुपये हो गयी है। नया उत्पाद को विकसित, बड़े ग्राहकों बेस के जरुरतों पर काम और गुणवत्ता में निर्मिण की अवधारणा पर काम करने से कंपनी को भविष्य में विकास को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। (शेयर मंथन, 15 अक्टूबर 2016)
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