कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि और कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर मचे घमासान के कारण कल समाप्त हुए कारोबारी हफ्ते के दौरान निवेशक चिंतिंत रहे।
निवेशकों की चिंता बाजार में गिरावट के रूप में सामने आयी। अंतिम कारोबारी सप्ताह में सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों में 2-2% की कमजोरी दर्ज की गयी। विदेशी और घरेलू निवेशकों की पॉजिशन बाजार में एक-दूसरे विपरीत रही। विदेशी निवेशकों ने 1,496.70 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू निवेशकों ने 2,026.12 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
इसके अलावा बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 2.7% औऱ बीएसई स्मॉलकैप (BSE Smallcap) में 3% की गिरावट दर्ज की गयी। उधर एनएसई (NSE) में निफ्टी पीएसयू बैंक (Nifty PSU Bank) में 6.5% की गिरावट आयी, जबकि ऊर्जा और वाहन सूचकांक प्रत्येक 3.5% फिसले।
गौरतलब है कि 18 मई को समाप्त हुए सप्ताह में पीएनबी, ऑर्किड फार्मा, आईडीएफसी बैंक और आइडिया सेल्युलर सहित करीब 500 कंपनियों ने 52 हफ्तों का निचला स्तर छुआ, जबकि बजाज फाइनेंस, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक सहित 146 शेयर इसी अवधि के ऊपरी शिखर तक चढ़े। (शेयर मंथन, 19 मई 2018)
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