बुधवार 6 अक्टूबर के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार दोपहर तक एक सीमित दायरे में चलता रहा, पर दोपहर बाद बिकवाली का दबाव उभर आया।
बीएसई सेंसेक्स 555 अंक या 0.93% गिर कर 59,190 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 50 भी 176 अंक या 0.99% की चोट के साथ 17,646 पर बंद हुआ। छोटे-मँझोले सूचकांकों में भी कमजोरी का रुझान दिखा। बीएसई मिडकैप में 1.22% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.55% की गिरावट दर्ज हुई। निफ्टी मिडकैप 50 में 1.33% की कमजोरी रही, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 का नुकसान 0.83% का रहा। इस बीच बाजार के उतार-चढ़ाव को दर्शाने वाला इंडिया विक्स सूचकांक 5.7% बढ़ कर 17.33 पर पहुँच गया।
चार्टपंडित डॉट कॉम के सीईओ हेमेन कपाड़िया के अनुसार डॉलर इंडेक्स का बढ़ना और डॉव जोंस फ्यूचर में तेज गिरावट आना दोपहर बाद भारतीय बाजार के फिसलने का तात्कालिक कारण बना। अमेरिका के 10 वर्ष के ट्रेजरी यील्ड में भी बढ़ोतरी दिखी, जिससे बाजार पर दबाव बना।
वहीं भारतीय शेयर बाजार इस समय काफी ऊँचे स्तरों पर भी है। इस लिहाज से बाजार में मुनाफावसूली भी हुई। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के एमडी आशु मदान का मानना है कि भारतीय सूचकांक कुछ समय तक दबाव में बने रह सकते हैं। उनकी सलाह है कि निवेशकों को बाजार में बहुत चुनिंदा तरीके से निवेश रखना चाहिए और अपना निवेश हल्का भी रखना चाहिए।
कुछ जानकारों के मुताबिक आज दोपहर बाद की गिरावट में थोक बिकवाली (बास्केट सेलिंग) हुई है। उन्हें ऐसा लगता है कि भारत की रेटिंग को लेकर एक अच्छी खबर से पहले लोगों ने सौदे किये, जिन्हें खबर आने के बाद निपटाया गया। (शेयर मंथन, 6 अक्टूबर 2021)
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