मेंथा ऑयल वायदा (सितंबर) की कीमतों में 1,800 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
कुल मिलाकर बढ़ती माँग के मुकाबले कम आपूर्ति के कारण छोटी अवधि में कीमतों को मदद मिल सकती है। कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद से किसान अपने स्टॉक को रोक कर रखे हुए हैं। सीमित आपूर्ति के बीच घरेलू और विदेशी माँग के कारण हाजिर बाजारों में अधिक माँग हो रही है। चीन और यूरोप की ओर से निर्यात माँग में धीर-धीरे बढ़ोतरी हो रही है।
उधर कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 23,000-22,910 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। प्रमुख कपास उत्पादक राज्य उत्पादन क्षेत्रों में कमी के साथ ही कीटों के प्रकोप जैसी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण कुल उत्पादन 3-4% की कमी के साथ 350 लाख बेल हो सकता है। भारतीय कपास निगम के जुलाई के अनुमान के अनुसार मौजूदा सीजन में कपास उत्पादन अनुमान 365 लाख बेल का था।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,100-4,000 रुपये के स्तर तक लुढ़कने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 8,800-8,700 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। पिछले हफ्ते ग्वारसीड की कीमतों में तेज गिरावट के बाद खरीदार सतर्क हो गये है और अधिक खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। हाल ही मे हुई बारिश से राजस्थान में ग्वारसीड की फसल को लाभ होने की संभावना है। अंतिम चरण की फसल बुआई इस महीने के अंत में समाप्त हो जायेगी। अगले कुछ हफ्ते ग्वार की फसल के लिए काफी अहम हैं क्योंकि पहले बोई गयी फसल अब विकास की अवस्था में हैं। (शेयर मंथन, 29 अगस्त 2018)
उधर कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 23,000-22,910 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। प्रमुख कपास उत्पादक राज्य उत्पादन क्षेत्रों में कमी के साथ ही कीटों के प्रकोप जैसी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण कुल उत्पादन 3-4% की कमी के साथ 350 लाख बेल हो सकता है। भारतीय कपास निगम के जुलाई के अनुमान के अनुसार मौजूदा सीजन में कपास उत्पादन अनुमान 365 लाख बेल का था।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,100-4,000 रुपये के स्तर तक लुढ़कने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 8,800-8,700 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। पिछले हफ्ते ग्वारसीड की कीमतों में तेज गिरावट के बाद खरीदार सतर्क हो गये है और अधिक खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। हाल ही मे हुई बारिश से राजस्थान में ग्वारसीड की फसल को लाभ होने की संभावना है। अंतिम चरण की फसल बुआई इस महीने के अंत में समाप्त हो जायेगी। अगले कुछ हफ्ते ग्वार की फसल के लिए काफी अहम हैं क्योंकि पहले बोई गयी फसल अब विकास की अवस्था में हैं। (शेयर मंथन, 29 अगस्त 2018)
Add comment