हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,730-6,885 रुपये के सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
मौजूदा सीजन में हल्दी के अधिक उत्पादन अनुमान के कारण देश भर के हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। केरल और इरोद में बाढ़ और अधिक बारिश से फसल के प्रभावित होने के बावजूद अधिक उत्पादन क्षेत्रों के कारण हल्दी का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है।
जीरा वायदा (सितंबर) की कीमतों को 19,500-19,640 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में बारिश में तेजी आने से अक्टूबर के अंत में शुरू होने वाली जीरे की बुआई अधिक हो सकती है, जिसके कारण जीरे की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है।
धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतों में 4,500 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। हाजिर बाजारों में खरीदारों के बाजार से दूर रहने के कारण माँग कम हो रही है।
इलायची वायदा (सितंबर) की कीमतों को 1,400 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। आगामी दिनों में बाजार की नजर नयी फसल के ऑक्शन केन्द्रों पर आने के साथ ही निर्यात की संभावना पर रहेगी। लेकिन आयातक देशों द्वारा क्वालिटी को लेकर सख्त मानक के कारण कीमतों पर दबाव रह सकता है। 1 सितंबर से ही सऊदी अरब द्वारा भारतीय इलायची पर कीटनाशकों को लेकर प्रतिबंध के कारण कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। (शेयर मंथन, 30 अगस्त 2018)
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