कच्चे तेल की कीमतों के बढ़त के साथ खुलने की संभावना है।
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के लागू होने से विश्व बाजार में तेल की आपूर्ति कम होने की आशंका से आज तेल की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी हुई है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध 4 नवंबर से लागू हो जायेगा। कच्चे तेल की कीमतों को 5,180 रुपये पर सहारा और 5,270 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से तेल की आपूर्ति में कमी की भरपायी करने के लिए ओपेक और रूस द्वारा तेल उत्पादन में बढ़ोतरी को लेकर कोई जल्दबाजी नही देखी जा रही है।
2018 में ईरान ने सबसे अधिक लगभग 3 मिलियन बैरल प्रति दिन तेल का निर्यात किया है, जो कुल वैश्विक खपत का 3% है। आँकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में ईरान का तेल निर्यात कम होकर 2 मिलियन बैरल प्रति दिन रह गया है, क्योंकि अमेरिकी दबाव में आयातकों ने ईरान से तेल का आयात करना कम कर दिया है। ईआईए के अनुसार 21 सितंबर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल का आयात रिकॉर्ड 11.1 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गया है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतें 215-221 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। अमेरिकी गैस भंडार में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी की आशंका से अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतें आठ महीने के उच्चतम स्तर से 2% लुढ़क गयी हैं। (शेयर मंथन, 27 सितंबर 2018)
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