सोयाबीन वायदा (नवंबर) का कारोबार पिछले हफ्ते (5270-5,430 रुपये) काफी कम दायरे में हुआ क्योंकि हाजिर बाजार में नये सोयाबीन की आवक हो रही है।
कीमतों में 5,450 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,000 के स्तर तक गिरावट होने की उम्मीद है। इसके अलावा, खाद्य तेल की कीमतों में सुधार से भी तिलहन की कीमतों पर असर पड़ा है। वर्तमान में सोयाबीन की कीमतें 3,950 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के एमएसपी से काफी अधिक हैं। थोक व्यापारी और तेल मिलें अत्यधिक आवक के दौरान सोयाबीन की खरीद करना चाह रही हैं, जिसमें बेमौसम बारिश के कारण लगभग एक महीने की देरी हो रही है। एसईए के अनुसार, सोयामील का निर्यात इस साल सितंबर में तेजी से घटकर 5,831 टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 68,576 टन था। सोपा के अनुसार, भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले साल के 104 लाख टन की तुलना में 118.9 लाख टन लाख टन होने का अनुमान है। यूएसडीए की मासिक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी उत्पादन 119 मिलियन टन की तुलना में पिछले महीने 1.79% बढ़कर 121 मिलियन टन रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले सप्ताह की तेजी के बाद खाद्य तेल की कीमतों में नरमी देखी गयी। चीन में कमोडिटीज बाजार पर कड़े नियमों की चिंताओं के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतें रिकॉर्ड ऊँचाई से कम हो गयी। सोयाबीन उत्पादन के अधिक अनुमानों के कारण सीबीओटी पर सोया तेल की कीमतों पर भी दबाव के साथ कारोबार हुआ। सितंबर में सबसे अधिक 17 लाख टन खाद्य तेल के आयात के कारण घरेलू बाजार में अक्टूबर की शुरुआत से कीमतों में गिरावट हो रही है, जबकि सरकार ने 2 मार्च, 2022 तक कच्चे और रिफाइंड पॉम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल दोनों के बेसिक सीमा शुल्क में कटौती की है। लेकिन खाद्य तेलों पर उच्च शुल्क मूल्य और अधिक अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण घरेलू कीमतों को मदद मिल रही है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ 1,220-1,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,080-1,150 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 25 अक्टूबर 2021)
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