सोयाबीन की बेहतर माँग के कारण सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतें शुक्रवार को कम दायरे में रही है।
अब यदि कीमतें 5,600 रुपये के स्तर को पार करती है तो 5,750 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। आने वाले सीजन में अंतिम स्टॉक के कम होने की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में वृद्धि हुई है। मानसून की देर से वापसी के कारण 2021 में अधिकतम आवक की अवधि में लगभग एक महीने की देरी हो रही है। यूएसडीए की नवंबर मासिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। सोयामील की अधिक कीमतों के कारण सितंबर में निर्यात तेजी से घटकर 5,831 टन रह गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 68,576 टन हुआ था। कीमतों को नियंत्राण में रखने के लिए तिलहन और खाद्य तेल पर स्टॉक सीमा के कार्यान्वयन की समीक्षा को लेकर सरकार बहुत सतर्क है। खाद्य तेल की कीमतों में पिछले सप्ताह 5 महीने के निचले स्तर पर गिरावट हुई है। सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सीपीओ, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सनफ्लावर तेल पर बेसिक डड्ढूटी को 2.5% से घटाकर शून्य कर दिया है। इसके अलावा, सितंबर में खाद्य तेल (17 लाख टन) के रिकॉर्ड आयात और
खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कमी के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में अक्टूबर में गिरावट हुई है। फिर भी खाद्य तेलों पर शुल्क मूल्य में बढ़ोतरी से गिरावट पर रोक लग रही है। इन तेलों पर कृषि उपकर भी सीपीओ के लिए 20% से घटाकर 7.5% और कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए 5% कर दिया गया है। एमपीओबी के मासिक आँकड़ों के अनुसार, मलेशिया में अक्टूबर के अंत में पॉम तेल का स्टॉक माह-दर-माह 4.42% बढ़कर 1.83 मिलियन टन हो गया, जबकि उत्पादन 1.3% बढ़कर 1.73 मिलियन टन हो गया और निर्यात 12.03% गिरकर 1.42 मिलियन टन रह गया।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,215-1,220 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,100 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 15 नवंबर 2021)
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