कम आवक के बीच अधिक माँग के कारण कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल तीसरे दिन बढ़ोतरी हुई है।
अब कीमतें 31,820 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 32,500 रुपये स्तर तक पहुँच सकती है। बाजारों में कपास की आवक बढ़ने लगी है। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में अभी आवक कम हो रही है। उत्पादन में संभावित गिरावट की आशंका के चलते नयी फसल की आवक के समय बाजारों में कपास की कीमतें अधिक हैं। वैश्विक स्तर पर कपास का शेष बचा स्टॉक भी कम है, जबकि चीन की ओर से आयात माँग अधिक बनी हुई है। 2021-22 में सीएआई ने कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 7 लाख गांठ बढ़ाकर 360.13 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल गिरावट के साथ बंद हुई। लेकिन कीमतें 6,250 रुपये के स्तर को पार करती है तो कीमतों में तेजी दर्ज की जा सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन अनुमान, स्टॉक के कई वर्षो के निचले स्तर पर पहुँचने और अच्छी निर्यात माँग के कारण कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 40% से अधिक हैं। नये सीजन में हाजिर बाजार में ग्वारसीड की आवक घटी है क्योंकि पिछले सप्ताह कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान में इस सीजन में ग्वारगम का रकबा 21 लाख हेक्टेयर रह गया था, जो एक दशक में सबसे कम रकबा था। अमेरिकी कच्चे तेल के रिगों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले हफ्तों में ग्वारगम के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
नयी खरीदारी के कारण कैस्टरसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल 3% की बढ़त के साथ बंद हुई है। कीमतें 6,370 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,700 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। गुजरात में अधिक क्षेत्र के कारण, आने वाले सीजन में अधिक उत्पादन की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 6 महीनों में कैस्टर मील का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 16% बढ़ा है, जबकि कैस्टर ऑयल का निर्यात जुलाई-अगस्त 2021 के लिए वर्ष-दर-वर्ष कम है लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि के लिए अधिक है। (शेयर मंथन, 23 नवंबर 2021)
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