एसएमसी ने अपनी मासिक रिपोर्ट में जिक्र किया है कि 2019 की दूसरी तिमाही में सोने (Gold) की मांग वर्ष-दर-वर्ष 8% बढ़ कर 1,123 टन हो गयी।
पहली छमाही में केन्द्रीय बैंकों द्वारा रिकॉर्ड खरीदारी के कारण सोने की मांग 2,181.7 टन के 3 साल के उच्च स्तर पर पहुँच गयी। केंद्रीय बैंक की खरीद और
ईटीएफ में बेहतर निवेश 2019 की पहली छमाही में सोने की मांग के प्रमुख कारण थे। पहली छमाही में आभूषण की मांग में वृद्धि काफी हद तक भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक सकारात्मक वातावरण के कारण हुई। बार और सिक्कों के निवेश में बदलाव बहुत अधिक मूल्य-संबंधित थे, क्योंकि सोने की कीमतों के कई वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद मुनाफा वसूली में बढ़ोतरी हुई और खुदरा निवेश पूरी तरह से समाप्त हो गए। चुनौतीपूर्ण वैश्विक स्थितियों कारण प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने सोने के उपयोग को कम कर दिया है।
2019 की दूसरी तिमाही में आभूषणों की मांग में मामूली वृद्धि हुई और 2018 की समान अवधि की तुलना में 2% की बढ़ोतरी के साथ 531.7 टन हुई। पहली छमाही में सोने की कुल मांग पिछले वर्ष की समान अवधि के 1,048.2 टन की तुलना में 1% बढ़ कर 1,061.9 टन हुई। इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा भारत से आया, जहाँ 2018 के निचले स्तर से आभूषण बाजार में बढ़ोतरी हुई। चीन के आभूषण बाजार में लगातार तीसरी तिमाही में वर्ष-दर-वर्ष गिरावट देखी गयी। दूसरी तिमाही में आभूषणों की मांग वर्ष दर वर्ष 4% घट कर 137.8 टन रह गयी। मध्य-पूर्व के देशों में सोने की मांग में आंशिक रूप से वृद्धि हुई। पूरे क्षेत्र में कई बाजारों में मांग में बढ़ोतरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप मिस्र में मांग में 8% की बढ़ोतरी हुई। मिस्र में घरेलू आर्थिक वातावरण में सुधार के कारण आभूषणों की मांग में लगातार छठी तिमाही में वृद्धि दर्ज की गयी। 2016 के बाद पहली छमाही में सोने की मांग कुल 12.5 टन हुई। चीन में दूसरी तिमाही में बार और सिक्कों की मांग कम होकर 49.5 टन रह गयी, जो 2016 की तीसरी तिमाही के बाद सबसे कम है, क्योंकि सोने की कीमतों में तेजी से निवेशकों की ओर से खरीददारी कम हो गयी। (शेयर मंथन, 03 अक्टूबर 2019)
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