सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों में 5,1580 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 50,200 रुपये तक गिरावट हो सकती है जबकि चांदी की कीमतों में 69,600 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 66,900 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
डॉलर में मजबूती और अमेरिकी मैनुफैक्चरिंग क्षेत्रों में एक जोरदार उछाल से कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधर की उम्मीद से कल सोना की कीमतों में 1.5% से अधिक की गिरावट हुई। डॉलर में 0.5% की वृद्धि हुई, जो पिछले सत्रा में दो साल के निचले स्तर पर पहुँच गया था।
अमेरिकी निर्मित वस्तुओं के लिए नये ऑर्डर जुलाई में अपेक्षा से अधिक बढ़ गय, जबकि मंगलवार के अमेरिकी मैनुफैक्चरिंग आँकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में गतिविधियां दो साल की उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं जिससे लगातार रिकवरी को लेकर उम्मीद बढ़ गयी। दूसरी ओर, अमेरिकी निजी पेरोल में अगस्त में उम्मीद से कम वृद्धि हुई, जो श्रम बाजार में धीमी गति से सुधर की ओर इशारा करता है। निवेशक अब गुरुवार के प्रारंभिक अमेरिकी बेरोजगार दावों की रिपोर्ट और शुक्रवार के गैर-कृषि पेरोल आँकड़ों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। खरीदार महामारी और कम ब्याज दर के माहौल की निरंतर चिंताओं के कारण सोने की कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। (शेयर मंथन, 03 सितंबर 2020)
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