कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है।
बीजिंग में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध को लेकर हो रही वार्ता से विवाद के सुलझ जाने की संभावना से आज तेल की कीमतो में बढ़त देखी जा रही है। आपूर्ति में कटौती से भी कीमतों को मदद मिल सकती है। लेकिन बीजिंग में हो रही वार्ता के बावजूद कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बना रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों को 3,400 रुपये के स्तर पर सहारा और 3,570 रुपये पर अड़चन रह सकती है। 2019 के पहले हफ्ते में मध्य-पूर्व से कच्चे तेल का निर्यात हफ्ता-दर-हफ्ता 42.8 लाख बैरल प्रति दन बढ़ कर 12.238 करोड़ बैरल प्रति दिन हो गया है। यूएई, सऊदी अरब और ओमान से तेल का अधिक निर्यात हुआ है। दिसंबर 2018 में ओपेक की ओर से तेल की आपूर्ति 4,60,000 बैरल प्रति दिन कम होकर 3.268 करोड़ बैरल प्रति दिन रह गया।
नेचुरल गैस की कीमतों के गिरावट के साथ खुलने की संभावना है और कीमतें 205 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। अमेरिका में अगले 6-10 दिनों तक अनुमान से अधिक तापमान के बाद हीटिंग के लिए कम माँग की संभावना से कल अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में गिरावट हुई। (शेयर मंथन, 09 जनवरी 2019)