इस साल भारतीय शेयर बाजार नये शिखर छूने में कामयाब रहे। बाजारों की इस तेजी ने नये निवेशकों को शेयरों में निवेश के लिए आकर्षित किया है। और इसका असर भी नजर आ रहा है। हाल ही पेश नेश्नल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आँकड़ों के साथ ही एसबीआई की एक रिपोर्ट भी पुष्टि करती है कि बाजार की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है।
एनएसई के आँकड़ों के मुताबिक, नवंबर में 42,76,207 नये निवेशक भारतीय शेयर बाजार से जुड़े हैं। वहीं जुलाई से सितंबर की अवधि में ऐसे निवेशकों की संख्या 1,60,06,447 रही है। जबकि, इस साल 23 दिसंबर तक रजिस्टर्ड निवेशकों की कुल संख्या 21,02,25,329 दर्ज की गई है।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक निवेशक
एनएसई के ताजा आँकड़ों के अनुसार, भारत में शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 3.7 करोड़ से ज्यादा निवेशक खाते हैं, जबकि उसके बाद उत्तर प्रदेश में 2.28 करोड़ निवेशक खाते हैं। वहीं, गुजरात 1.87 करोड़ निवेशक खातों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 1.2 करोड़ निवेशक खाते हैं। अक्टूबर में एनएसई में क्लाइंट खातों की कुल संख्या पहली बार 20 करोड़ के पार पहुँच गयी थी। यह संख्या आठ महीने पहले 16.9 करोड़ थी।
डीमैट खाताधारकों की संख्या बढ़ी
एसबीआई की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल लगभग 3 करोड़ नये लोग शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट खाते खोल रहे हैं। इतना ही नहीं, इनमें हर चार में से एक महिला निवेशक भी शेयर बाजार का रुख कर रही हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है।
वित्त वर्ष 2018 से पंजीकृत नई एसआईपी में चार गुना इजाफा हुआ है और यह 4.8 करोड़ के पार पहुँच गया है। इस कारण एसआईपी योगदान लगभग 2 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुँचा है। एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष का मानना है कि इस वर्ष नये डीमैट खातों की संख्या 4 करोड़ के आँकड़े को भी पार कर सकती है।
(शेयर मंथन, 30 दिसंबर 2024)
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