कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,450 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 3,360 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकती है।
विश्व स्तर पर कोरोनो वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से फिर से लॉकडाउन उपयों से माँग की कमी की आशंका से आज तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। पिछले सप्ताह अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों ने 12 सप्ताह में 11 वीं बार तेल और नेचुरल गैस की रिगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है फिर भी उत्पादक इस साल भी और अगले साल खर्च में कटौती कर रहे हैं। ईरान के तेल उत्पादन में तीन महीने में बढ़ोतरी से भी तेल की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। ईरान को उम्मीद है कि यदि वे 2015 के परमाणु समझौता पर वापस आते हैं तो अमेरिकि प्रतिबंधों को कम कर देगा। ओपेक और रूस ने जनवरी से तेल उत्पादन 500,000 बैरल प्रति दिन अधिक करने पर सहमति व्यक्त की। तेल उत्पादन में वृद्धि का मतलब है कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस, जिसे ओपके प्लस के रूप में जाना जाता है, 7.7 मिलियन बैरल प्रति दिन की वर्तमान कटौती की तुलना में जनवरी से 7.2 मिलियन बैरल प्रति दिन, या वैश्विक माँग का 7% कम करने के लिए तैयार हैं।
नेचुरल गैस की कीमतों में उठापटक के साथ कारोबार हो सकता है और कीमतों को 190 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 197 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 07 दिसंबर 2020)