कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 6,100-6,280 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
औद्योगिक आँकड़ों के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता, संयुक्त राज्य अमेरिका में कच्चे तेल और डिस्टिलेट स्टॉक में बढ़ोतरी के संकेत और आपूर्ति बढ़ाने के लिए ओपेक पर दबाव के कारण आज तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। कोरोना महामारी के बाद माँग में बढ़ोतरी और प्रमुख उपभोक्ताओं से अधिक तेल की माँग के बावजूद पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और रूस के नेतृत्व वाले सहयोगियों, द्वारा धीरे-धीरे, मासिक उत्पादन में 4,00,000 बैरल प्रति दिन की वृद्धि के कारण तेल की कीमतें पिछले सप्ताह कई-वर्ष के उच्च स्तर पर पहुँच गयी थी। ग्लासगो में एक जलवायु शिखर सम्मेलन में बोलते हुये राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ओपेक देशों द्वारा कच्चे तेल का अधिक उत्पादन करने से इनकार करने पर तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया। अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान के आँकड़ों के अनुसार 29 अक्टूबर को समाप्त में कच्चे तेल के भंडार में 3.6 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई जबकि गैसोलीन के भंडार में 5,52,000 बैरल और डिस्टिलेट भंडार में 5,73,000 बैरल की गिरावट हुई है।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 395 रुपये के स्तर पर सहारा और 415 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 03 अक्टूबर 2021)