पिछले सप्ताह ऊर्जा की कीमतों में बिकवाली देखी गयी, जहाँ कच्चे तेल की कीमतों में 14% से अधिक की गिरावट हुई वहीं नेचुरल गैस की कीमतों में 22% की गिरावट हुई।
लेकिन सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में कीमतों में कुछ उछाल देखने को मिला है। वैश्विक स्तर पर आपूर्ति में बढ़ोतरी के साथ ही कोरोना वायरस के ओमाइक्रोन संस्करण से तेल की माँग में कमी आने की चिंता से बिकवाली तेज हो गयी है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि ओमाइक्रोन संस्करण-जो कोरोना वायरस के पिछले संस्करणों की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है- कई देश में पाया गया है। अन्य देशों के साथ मिलकर आपातकालीन भंडार से तेल जारी करने के अमेरिकी निर्णय के कारण बेंचमार्क तेल वायदा हफ्तों से दबाव में है। बाजार के सटोरियों ने, जिन्होंने इस साल कम आपूर्ति की उम्मीद से लॉन्ग पोजीशन बनाये रखा था, फंडामेंटल में बदलाव के साथ ही अपने पोजिशन को बदल लिया हैं। ओपेक और उसके सहयोगी देश अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार से तेल जारी करने के डर के बावजूद मासिक स्तर पर तेल उत्पादन में वृद्धि की अपनी मौजूदा नीति पर टिके रहने के लिए सहमत हुये। बाजार बस इतनी सारी खबरों को पचाने की कोशिश कर रहा हैं। इस सप्ताह में कीमतों में अधिक अस्थिरता के साथ कारोबार जारी रह सकता है, और कीमतों में बदलाव 4,600-5,250 रुपये के दायरे में दोनों तरफ हो सकता है।
गर्म मौसम के पूर्वानुमान के कारण नेचुरल गैस वायदा तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया। मौसम में नरमी, दिसंबर के मध्य तक हीटिंग के लिए कम माँग, विदेशों में गैस की कीमतों में गिरावट और लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) के निर्यात में कमी के कारण बिकवाली को बढ़ावा मिला। उत्पादन में थोड़ी कमी और पिछले हफ्ते उम्मीद से थोड़ी अधिक गिरावट की भरपाई करते हुये यह खबर नरमी के रुझान वाली रही, जब सामान्य से अधिक ठंड ने हीटिंग की माँग को बढ़ावा दिया। इस सप्ताह में कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है और कीमतों में बढ़ोतरी पर बिकवाली की सलाह है। (शेयर मंथन, 06 दिसंबर 2021)