कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। कीमतों के 7,740-7,790 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
आज शुरुआती कारोबार में तेल वायदा की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी क्योंकि यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा कथित युद्ध अपराधें के आरोपों के बाद अधिक प्रतिबंधें की संभावना से आपूर्ति में व्यवधन को लेकर चिंता बढ़ गयी, जबकि ईरान परमाणु वार्ता ठप हो गई। जापानी उद्योग मंत्री कोइची हागियुडा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी अभी भी समन्वित रूप से भंडारों से तेल जारी करने के दूसरे दौर के विवरण पर काम कर रही है। इस बीच दोनों कॉन्टैंक्टों की कीमतों में 2 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की उछाल दर्ज की गई। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी प्रतिबंधें और खरीदारों के विरोध से रूसी तेल शोधन और निर्यात प्रभावित हुआ है। रूसी तेल आपूर्ति में कमी का अनुमान 1 मिलियन से 3 मिलियन बैरल प्रति दिन तक है। कंसल्टेंसी वुड मैकेंजी ने सोमवार को अनुमान लगाया कि यूरोपीय संघ के सदस्य और जापान और दक्षिण कोरिया सहित विकसित अर्थव्यवस्थाएं समान ग्रेड और वॉल्यूम के साथ प्रति दिन लगभग 6,50,000 बैरल प्रति दिन रूसी कच्चे तेल को ‘स्वैप’ कर सकती हैं। भारत की सरकारी मैंगलोर रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने मई में लोडिंग के लिए 1 मिलियन बैरल रूसी यूराल खरीदे, जो भारी छूट पर की गई खरीदारी है।
नेचुरल गैस में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है और कीमतों को 430 रुपये के स्तर पर सहारा और 445 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 05 अप्रैल 2022)