सोना-चांदी, कच्चा तेल जैसी कमोडिटी के लिए कैसा रहेगा 2021-22
चाहे सोना-चांदी हो या कच्चा तेल या अन्य कमोडिटी, सभी में बीते वित्त वर्ष 2020-21 में काफी उतार-चढ़ाव रहा है।
चाहे सोना-चांदी हो या कच्चा तेल या अन्य कमोडिटी, सभी में बीते वित्त वर्ष 2020-21 में काफी उतार-चढ़ाव रहा है।
सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 43,800 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 43,100 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी (मई) की कीमतों में 64,600 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 63,200 रुपये पर सहारा रह सकता है।
सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 44,900 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 44,300 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी (मई) की कीमतों में 65,200 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 64,300 रुपये पर सहारा रह सकता है।
सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 44,900 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 44,400 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी (मई) की कीमतों में 66,400 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 64,500 रुपये पर सहारा रह सकता है।
सोने की कीमतों को 44,900 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 44,400 रुपये पर सहारा रह सकती है जबकि चांदी (मई) की कीमतों में 66,400 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 64,500 रुपये पर सहारा रह सकता है अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल द्वारा मुद्रास्फीति के नियंत्रण से बाहर नहीं होने को लेकर कांग्रेस को आश्वास्त करने के बाद डॉलर के दो हफ्ते के उच्च स्तर पर पहुँचने के कारण आज सोने की कीमतों में गिरावट हुई।