मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक मंगलवार (23 जुलाई) को बजट 2024-25 पेश होने के दौरान भारतीय शेयर बाजार तेजी और गिरावट के बीच झूलता रहा। निफ्टी में दिन के निचले स्तर से स्मार्ट रिकवरी आयी और ये 30 अंकों की मामूली नरमी के साथ 24479 के स्तर पर बंद हुआ।
अस्थिरता सूचकांक 17% से टूट कर 12.75% के स्तर पर आ गया। क्षेत्रवार मिलाजुला रुख देखने को मिला। सरकार द्वारा कंज्यूमर ड्यूरेबल, एफएमसीजी और फार्मा क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन और योजनाओं का प्रस्ताव पेश करने के बाद इनमें खरीदारी आयी। बजट में बुनियादी ढाँचा क्षेत्र में निवेश जारी रखने के साथ ही रोजगार और कौशल की जरूरत को केंद्र में रखा गया।
सरकार द्वारा बजट में एफएनओ में एसटीटी (सेक्योरिटीज ऐंड ट्रांजेक्शन टैक्स) में वृद्धि के साथ ही लंबी अवधि और छोट अवधि के कर बढ़ाने की घोषणा से बाजार आश्चर्यचकित रह गया। छोटी अवधि के पूँजीगत लाभ कर में 15% से 20% की बढ़ोरी अत्यधिक ट्रेडिंग को हतोत्साहित करेगी, जबकि लंबी अवधि के पूँजीगत लाभ कर में 10% से 12.5% की वृद्धि निकट अवधि में बाजार के लिए भावनात्मक रूप से नकारात्मक है।
हमारा मानना है कि लंबे समय में भारत के बुनियादी ढाँचा मजबूत बना हुआ है और सरकार राजकोषीय विवेक के मार्ग पर चलने के साथ ही वित्त वर्ष 2025 में राजकोषी घाटे के लक्ष्य को 4.9% से घटाकर वित्त वर्ष 2026 में 4.5% करने के लिए प्रयासरत है।
(शेयर मंथन, 23 जुलाई 2024)
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