सरकार एनएलसी इंडिया (NLC India) में 7% तक हिस्सा बेचेगी। सरकार कंपनी में यह हिस्सा ओएफएस यानी (OFS) ऑफर फॉर सेल के जरिए बेचेगी।
सरकार की ओएफएस के जरिए 2100 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना है। सरकार शुरुआत में एनएलसी इंडिया में 5% तक हिस्सा बेचेगी। साथ ही में इसमें ग्रीनशू के तहत 2% अतिरिक्त हिस्सा बिक्री का विकल्प भी होगा। सरकार ओएफएस के ओवरसब्सक्रिप्शन होने पर पर 2% अतिरिक्त हिस्सा बिक्री के विकल्प का इस्तेमाल करेगी। ओएफएस के लिए फ्लोर प्राइस 212 रुपये प्रति शेयर तय की गई है। आज OFS नॉन रिटेल निवेशकों के लिए खुला था। रिटेल निवेशकों के लिए ओएफएस 11 मार्च को खुलेगाओएफएस के लिए फ्लोर प्राइस मौजूदा भाव से 6% डिस्काउंट पर तय किया गया है। ओएफएस के तहत 6.93 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की जाएगी। वहीं ग्रीनशू के तहत 2.77 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी। इसकी जानकारी विनिवेश विभाग यानी दीपम यानी DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) ने एक्स (X) के जरिए भी दी है। इस सौदे के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) और डैम कैपिटल एडवाइजर्स (DAM Capital Advisors) ब्रोकर्स के तौर पर काम करेंगे। तीसरी तिमाही के अंत तक कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 79.2 फीसदी थी। सेबी की ओर से किसी भी लिस्टेड कंपनी में प्रोमोटर को अधिकतम 75 फीसदी तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति है। एनएलसी इंडिया एक नवरत्न कंपनी है जो कोयला मंत्रालय के तहत काम करती है। कंपनी का मुख्य काम माइनिंग और पावर उत्पादन का है। एनएलसी इंडिया ने तीसरी तिमाही में 406.7 करोड़ घाटे के मुकाबले 250.4 करोड़ का कंसोलिडेटेड मुनाफा दर्ज किया है। वहीं आय में 14 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। कामकाजी मुनाफा 33.5 फीसदी गिरकर 904.7 करोड़ रुपये रहा था। एनएलसी का शेयर 3.44% गिर कर 218.75 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
(शेयर मंथन, 7 मार्च 2023)
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