मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक एचएमपी वायरस के मामलों में वृद्धि के डर और कमजोर तिमाही अपडेट से बैंकिंग स्टॉक में तीव्र गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार में तीव्र बिकवाली के दबाव का सामना करना पड़ा।
बेंगलुरू में एचएमपीवी के शुरुआती दो मामले सामने आने के बाद डायनोस्टिक स्टॉक केंद्र में रहे। निफ्टी 50 389 अंकों के नुकसान के साथ 23,616 (1.6%) के स्तर पर बंद हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में 2-3% के बीच गिरावट रही और सभी क्षेत्रीय सूचकांक के लाल निशान में बंद होने के बीच बाजार में व्यापक आधार पर बिकवाली थी।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 4227 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की बिकवाली शुक्रवार को की थी। डॉलर की निरंतर माँग के दबाव से भारतीय रुपया 85.82 रुपये के सर्वकालिक निम्न स्तर तक फिसल गया। घरेलू मैक्रो स्तर पर, दिसंबर में भारतीय सेवा पीएमआई बढ़ कर एक माह पूर्व के 58.4 के मुकाबले चार माह के उच्च स्तर 59.3 पर पहुँच गया।
कैपिटल गुड्स क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही से ऑर्डर प्रवाह में वृद्धि होने का अनुमान है। हाल की मंजूरी के आधार पर रक्षा क्षेत्र में ऑर्डर बढ़ने का अनुमान है। हमारा मानना है कि नये वायरस से संबंधित चिंताओं के दूर होने तक बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी। हमें तिमाही पूर्व व्यावसायिक अपडेट और तीसरी तिमाही के नतीजों के मौसम के आरंभ को देखते हुए स्टॉक/क्षेत्र विशेष में गतिविध देखने को मिल सकती है।
(शेयर मंथन, 06 जनवरी 2025)
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