कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज उतार-चढ़ाव के बाद तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स (Sensex) 26,000 और निफ्टी (Nifty) 7,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुए।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 350 अंक यानी 1.33% की गिरावट के साथ 25,999 पर रहा। निफ्टी 116 अंक यानी 1.47% गिर कर 7,748 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 2.54% की गिरावट रही। बीएसई के स्मॉलकैप (Smallcap) में 2.71% और बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 2.42% की गिरावट रही। क्षेत्रों के लिहाज से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और पावर क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
कमजोर एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत हल्की मजबूती के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में बाजार में एक बेहद सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार होता रहा। हालाँकि इस दौरान सेंसेक्स 26,462 और निफ्टी 7,894 दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे, लेकिन इसके बाद बाजार में लाल निशान के ऊपर-नीचे कारोबार जारी रहा। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। दोपहर के कारोबार में बाजार में गिरावट बढ़ी। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार टूटता चला गया। कारोबार के आखिरी घंटों में निफ्टी 7,800 और सेंसेक्स 26,000 के स्तर से नीचे फिसल गये। इस दौरान सेंसेक्स 25,934 और निफ्टी 7,730 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़के। आखिरकार, आज के कारोबार में सेंसेक्स-निफ्टी निचले स्तरों के आसपास ही बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को सबसे ज्यादा 4.259% का घाटा हुआ। पावर में 2.91%, धातु में 2.28%, ऑटो में 2.09%, कैपिटल गुड्स में 2.06%, तेल-गैस में 1.89%, टीईसीके में 1.77%, आईटी में 1.57%, हेल्थकेयर में 1.46%, बैंकिंग में 1.24% की गिरावट रही। रियल्टी में 0.22% और एफएमसीजी में 0.04% की मामूली कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 16 अक्टूबर 2014)
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