एफ्ले इंडिया (Affle India) के आईपीओ (IPO) इश्यू को 86 गुना से अधिक आवेदन भेजे गये।
सोमवार 29 जुलाई को खुल कर एफ्ले का आईपीओ 31 जुलाई को बंद हुआ। 459 करोड़ रुपये के इश्यू में कंपनी ने 90 करोड़ रुपये के नये शेयरों के साथ ही 359 करोड़ रुपये के शेयरों को ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) के जरिये बेचने का ऐलान किया था। आईपीओ में 740-745 रुपये का प्राइस बैंड (Price Band) रखा गया था।
एफ्ले के आईपीओ में योग्य संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से के लिए 55.3 गुना, खुदरा निवेशकों निकी ओर से 10.96 गुना और गैर-संस्थागत निवेशकों की ओर से सर्वाधिक 199 गुना आवेदन भेजे गये। कंपनी ने इश्यू में कुल 33.78 लाख शेयर बिक्री के लिए रखे थे, जिनके मुकाबले 29.21 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए आवेदन भेजे गये। आईपीओ खुलने से पहले कंपनी ने 26 जुलाई को एंकर निवेशकों से 206.55 करोड़ रुपये की पूँजी जुटा ली थी।
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने सिंगापुर में स्थित वैश्विक तकनीकी कंपनी एफ्ले होल्डिंग्स (Affle Holdings) की भारतीय इकाई एफ्ले इंडिया को आईपीओ के लिए अक्टूबर 2018 में ही हरी झंडी दिखा दी थी। मोबाइल मार्केटिंग कंपनी एफ्ले इंडिया ने सेबी के पास जुलाई 2018 में आवेदन किया था। बाजार नियामक से कंपनी को 19 अक्टूबर 2018 को 'ऑब्जर्वेशंस' मिली, जो किसी भी तरह का सार्वजनिक इश्यू लाने वाली हर कंपनी के लिए प्राप्त करना जरूरी होती है। आईपीओ के जरिये प्राप्त पूँजी का इस्तेमाल एफ्ले इंडिया कार्यकारी पूँजी जरूरतों और अन्य कारोबारी उद्देश्यों के लिए करेगी। (शेयर मंथन, 01 अगस्त 2019)
Add comment