राजीव रंजन झा : अगर बाजार की मौजूदा हालत देखें तो इसके लिए ऊपरी स्तरों पर टिक पाने को लेकर चिंता बरकरार है।
अक्टूबर 2013 के दूसरे हफ्ते में सेंसेक्स (Sensex) लगातार तीन दिन 20,000 के ऊपर बंद होने में जरूर सफल हुआ है और शुक्रवार 11 अक्टूबर 2013 को इसका बंद स्तर 20,529 का रहा। लेकिन गौरतलब है कि सेंसेक्स जनवरी 2008 के बाद से ही अब तक 20,000 के ऊपर टिक नहीं पाया है।
इस साल बार-बार सेंसेक्स का 20,000 के ऊपर टिकना मुश्किल रहा। हाल में यह 19 सितंबर को 20,740 तक चढ़ा। इससे पहले 23 जुलाई को 20,351 पर, 20 मई को 20,444 पर और 29 जनवरी को 20,204 पर इसके शिखर बने, लेकिन इसके तुरंत बाद यह 20,000 के नीचे लौट आया।
केवल इसी साल नहीं, पिछले छह सालों से यही कहानी है। तीन जनवरी 2011 को 20,665 का शिखर बना। इससे पहले पाँच नवंबर 2010 को 21,109 का शिखर बना था। और 10 जनवरी 2008 को बना 21,207 का ऐतिहासिक शिखर तो सबको याद ही होगा।
सवाल है कि अगर सेंसेक्स 20,000 के ऊपर टिक सका तो ऐतिहासिक शिखर छूने में कितना समय लगेगा? इसके 11 अक्टूबर के बंद स्तर 20,529 से तो 21,207 का ऐतिहासिक शिखर केवल 678 अंक यानी 3.3% दूर है!
लेकिन क्या बाजार यहाँ से केवल सवा तीन फीसदी और चढ़ पाने की हालत में है? या इस सवाल को दूसरे ढंग से पूछें तो क्या बाजार इस समय नया ऐतिहासिक शिखर बनाने के लिए तैयार है? अक्टूबर के शुरुआती दिनों में मजबूती के बावजूद बाजार में ऐसे उत्साह और विश्वास की कमी साफ दिखती है।
इसलिए ऐसा लगता है कि बाजार के लिए यह ऐतिहासिक शिखर फिर से बाधा का काम कर सकता है। निफ्टी को देखें तो इसके 2008 के शिखर 6357 और 2010 के शिखर 6339 को मिलाती रुझान रेखा 6300 के थोड़ा ऊपर बाधा बन कर मौजूद है।
बेशक यह मई 2013 के शिखर 6229 से अगस्त 2013 की तलहटी 5119 तक की गिरावट की 80% वापसी के स्तर 6007 को पार कर चुका है। ऐसे में अब ऊपर केवल सितंबर 2013 का शिखर 6142 ही बाधा है, जिसके पार होने पर 6229 तक जाने की गुंजाइश खुल जायेगी। लेकिन इसका मतलब यह भी है कि पहले 6142 पर, फिर 6229 पर, फिर 6300-6350 के दायरे में बाधा मिल सकती है।
अगर निफ्टी 6350 के ऊपर निकल सके तो काफी बड़ी तेजी का रास्ता खुल सकेगा। निफ्टी जब भी 6350 को पार करेगा, तो यह कई सालों तक चलने वाली तेजी के दौर में प्रवेश कर सकता है। लेकिन क्या बाजार वैसी बड़ी तेजी के लिए अभी तैयार है? हालात ऐसे नहीं लगते। इसलिए अगर निफ्टी इन बाधाओं पर अटका और 6000-5950 से नीचे फिसल गया तो यह तेजी की चाल टूटने का संकेत होगा। वैसी हालत में 5400-5500 तक गिरने की संभावना बन सकती है।
अगर सेंसेक्स सितंबर 2013 के शिखर 20,740 को पार नहीं कर सका तो अगस्त की तलहटी 17,449 से 20,740 तक की उछाल की 23.6% वापसी 19,963 और फिर 38.2% वापसी 19,483 तक गिरने की संभावना बन जायेगी।
लेकिन इन चिंताओं के बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी के चार्ट पर जो अच्छे संकेत बन रहे हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सेंसेक्स का 200 दिनों का सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) 19,420 पर है और 50 एसएमए 19,287 पर। जब तक यह इन दोनों के ऊपर है, तब तक ज्यादा बड़ी चिंता की जरूरत नहीं, लेकिन इनके नीचे जाना खतरनाक होगा। ध्यान दें कि अक्टूबर 2013 की शुरुआत में इसने ठीक 50 एसएमए पर सहारा लिया है।
निफ्टी भी 200 एसएमए और 50 एसएमए के दोनों के ऊपर है। हालाँकि अभी इनका गोल्डेन क्रॉस नहीं बना है, क्योंकि 50 एसएमए (5704) ने 200 एसएमए (5842) को नीचे से ऊपर जाते हुए काटा नहीं है। अभी 50 एसएमए नीचे है।
इन सारे संकेतों को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि बाजार ने भले ही वापस पलटने के संकेत नहीं दिये हों, लेकिन इन ऊपरी स्तरों पर बेहद सावधान रहने की जरूरत है। बाजार जिन ऐतिहासिक बाधाओं के सामने है, उन्हें अगर यह पार कर सका तो कहानी एकदम ही बदल जायेगी। इसका मतलब यह होगा कि बाजार कुछ ऐसा भाँप चुका है, जो हम-आप अभी नहीं देख पा रहे हैं। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 14 अक्टूबर 2013)
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