राजीव रंजन झा : पिछली बहुत सारी तिमाहियों से इन्फोसिस (Infosys) ने तिमाही नतीजे आने के दिन सुबह-सुबह ही काफी बड़े अंतर (गैप) से खुलने का सिलसिला बना रखा था, लेकिन आज सुबह यह सिलसिला टूटा है।
आज सुबह इसके तिमाही नतीजे आने के बाद जब बाजार खुला तो इन्फोसिस 6.6% बढ़त के साथ 3320 पर खुला। इसके बाद यह केवल 3338 तक ही और ऊपर जा सका और मुनाफावसूली दिखने लगी। वहाँ से फिसल कर यह 3157 पर भी आ गया, यानी उसकी बढ़त हल्की हो कर केवल करीब 1% रह गयी। अब यह फिर से करीब 5% ऊपर 3250-3300 के आसपास दिख रहा है। शुरुआती मिनटों में इस तरह के उतार-चढ़ाव का मतलब यही है कि अब तिमाही नतीजों के दिन बेहद तीखी, कभी 10% तो कभी 13% और कभी 17% जैसी उछाल या गिरावट दर्ज का सिलसिला खत्म हो रहा है और इसे एक स्थिरता मिल पा रही है।
यह स्थिरता इस बात से आयी है कि इन तिमाही नतीजों में कंपनी ने बाजार को ज्यादा चौंकाया नहीं। हाल में हर तिमाही में इसके नतीजे बेहद अप्रत्याशित रहने लगे थे। किसी भी विश्लेषक के लिए यह समझ पाना बड़ा मुश्किल हो गया था कि इसके नतीजे कैसे रहेंगे। शायद खुद कंपनी के लिए भी यही स्थिति थी और वह महज एक तिमाही आगे की तस्वीर को साफ तौर पर देख पाने और दिखा पाने में असमर्थ महसूस कर रही थी। इसी वजह से कंपनी ने अपने तिमाही अनुमान (गाइडेंस) रखने बंद कर दिये। इसने जो सालाना अनुमान रखे थे, उनमें भी 6% से 10% तक बढ़त का एक बड़ा दायरा सामने रख दिया गया था। जब कंपनी खुद यह नहीं समझ पा रही हो कि उसकी आय में वृद्धि 6% बढ़ सकती है या 10%, तो विश्लेषकों का काम मुश्किल हो ही जाता है।
अपने ताजा तिमाही नतीजों में कंपनी ने इस दायरे को ऊपर की ओर तो नहीं खिसकाया, लेकिन यह दायरा छोटा जरूर कर दिया है। इसने अपने इन अनुमानों के दायरे की निचली सीमा को 6% से बढ़ा कर 9% कर दिया है। यानी पहले जहाँ डॉलर में सालाना आय वृद्धि का अनुमान 6-10% का था, वह अब बदल कर 9-10% हो गया है। इससे जाहिर है कि कंपनी अब अपने सालाना प्रदर्शन को पहले से ज्यादा स्पष्ट ढंग से देख पा रही है। इस स्पष्टता को कंपनी में एन आर नारायणमूर्ति की वापसी का पहला दिखने वाला असर माना जा सकता है।
विश्लेषक मान रहे हैं कि इस अनुमान की ऊपरी सीमा को नहीं बढ़ाना दरअसल कंपनी के संकोची स्वभाव का नतीजा है। कारण यह है कि मौजूदा कारोबारी साल की पहली दो तिमाहियों के नतीजों के बाद अगर अगली दो तिमाहियों में कंपनी की आय बढ़ने की दर सपाट भी रहे, तो भी इसकी सालाना आय बढ़ने की दर 10.5% हो जायेगी, यानी अभी सामने रखे गये अनुमान से ज्यादा होगी। इसलिए अब विश्लेषक यह मान कर चलेंगे कि 2013-14 में कंपनी की डॉलर आय में कम-से-कम 11% की वृद्धि तो होगी ही।
इन बेहतर होते अनुमानों के बीच इन्फोसिस का शेयर आगे चल कर मजबूती का रुझान बनाये रख सकता है। इसने 3500 का जो शिखर बनाया था, उसे फिर से छू लेने की संभावनाएँ अच्छी दिखने लगी हैं। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 11 अक्टूबर 2013)
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