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सेंसेक्स-निफ्टी 200 एसएमए से नीचे गिरना खतरे का संकेत

राजीव रंजन झा : अप्रैल 2015 का महीना भारतीय शेयर बाजार के लिए वाकई काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा, हालाँकि एक बड़े दायरे के अंदर आये इस उतार-चढ़ाव के बारे में काफी संकेत मासिक पत्रिका निवेश मंथन के अप्रैल अंक के राग बाजारी में दे दिये गये थे।

उसमें मैंने लिखा था, "अभी यह सोचना तो मुश्किल है कि भारतीय बाजार अगले कुछ महीनों में मार्च में बने नये उच्चतम स्तरों को पार करके नयी ऐतिहासिक ऊँचाइयों की ओर बढ़ सके।" निफ्टी के चार्ट के आधार पर मैंने लिखा था कि पहले लगभग 8,700 पर और फिर लगभग 8,800 पर बाधा नजर आती है। अप्रैल के शुरुआती आधे हिस्से में जब बाजार ने ऊपरी चाल पकड़ी तो इसने 8,845 पर एक शिखर बनाया, यानी मोटे तौर पर 8,800 की बाधा के आसपास से पलट गया।
लेकिन अप्रैल 2015 के महीने में एक खास तकनीकी बदलाव दिखा, जो बाजार की लंबी अवधि की चाल बदलने का संकेत लगता है। मैंने हाल के महीनों में लगातार उस पट्टी का जिक्र किया था, जो मई 2014 से अब तक के शिखरों और तलहटियों को मिलाने वाली रुझान रेखाओं (ट्रेंड लाइनों) से बनती है। अप्रैल के अंत में निफ्टी इस पट्टी की निचली रुझान रेखा को तोड़ कर इससे नीचे फिसलता दिख रहा है। मैंने निवेश मंथन के अप्रैल अंक में लिखा था कि "अगर किसी वजह से बाजार मार्च की तलहटियों को तोड़ कर उससे भी नीचे फिसला तो कमजोरी ज्यादा बढ़ सकती है। कारण यह कि वैसी स्थिति में मई 2014 से अब तक की तलहटियों को मिलाती रुझान रेखा का एक बड़ा सहारा टूट जायेगा।" अप्रैल के अंत में यह सहारा टूट गया है। मतलब यह कि बाजार में गिरावट और ज्यादा गहराने की आशंका मँडरा रही है। 

20150430 sensex daily channel

इस दैनिक चार्ट में यह भी स्पष्ट है कि निफ्टी मध्यम और लंबी अवधि के तमाम मूविंग एवरेज स्तरों के नीचे आ चुका है। इसने 50 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) और 100 एसएमए के साथ-साथ 200 दिनों के एसएमए को भी तोड़ दिया है। ध्यान देने की बात है कि फरवरी 2014 के बाद पहली बार निफ्टी 200 एसएमए के नीचे फिसला है। हालाँकि फरवरी 2014 में भी इसने 200 एसएमए को केवल छुआ था, इससे ज्यादा नीचे नहीं गया था। मगर इस बार यह 200 एसएमए को ठीक से काट कर इसके नीचे फिसलता दिख रहा है। अगर मई 2015 के शुरुआती दिनों में ही यह थोड़े उतार-चढ़ाव के बाद 200 एसएमए के ऊपर लौट नहीं आता तो कमजोरी बढ़ने की आशंका बनती है। निफ्टी ने 200 एसएमए को पिछली बार निर्णायक रूप से जुलाई 2013 में लगभग 5850 के पास काटा था। उस समय यह अगस्त 2013 में 5119 तक फिसला था, यानी 200 एसएमए के नीचे फिसलने के बाद वहाँ से यह और लगभग 12.5% टूटा था। तब लंबी अवधि के चार्ट पर बाजार की दिशा बदलने वाली एक महत्वपूर्ण तलहटी 5119 पर बनी।
हालाँकि यह ध्यान में रखना चाहिए कि 200 एसएमए तोड़ देने का मतलब यह नहीं होता कि बाजार एक सीधी रेखा की तरह जरूर नीचे गिरेगा ही। कई बार तो यह लंबी अवधि के इस औसत के आसपास ही थोड़ा ऊपर-नीचे होने के बाद वहीं से पलट जाता है। कई बार यह इस औसत के ऊपर-नीचे काफी छकाता है, जैसा हमें जुलाई-अगस्त 2013 में आयी भारी गिरावट से पहले मार्च-अप्रैल 2013 और फिर जून-जुलाई 2013 में दिखा था।
सेंसेक्स के चार्ट पर भी यही तस्वीर बन रही है। इसने भी मई 2014 से अब तक की तलहटियों को मोटे तौर पर मिलाती रुझान रेखा को 27,900 के कुछ नीचे काट दिया है और वहाँ से अब यह काफी गिर कर 30 अप्रैल को 27,000 से भी नीचे का स्तर देख चुका है। इसका 30 अप्रैल का निचला स्तर 26,898 का है।
सेंसेक्स भी अपने दैनिक चार्ट पर 200 एसएमए को अच्छे अंतर से तोड़ चुका है। अप्रैल के अंतिम हफ्ते में लगातार तीन दिनों तक 200 एसएमए के ऊपर-नीचे होते रहने के बाद आखिरकार यह 200 एसएमए के स्तर 27,507 की तुलना में लगभग 500 अंक नीचे 27,011 पर बंद हुआ। इसके चार्ट में भी साफ दिखता है कि फरवरी 2014 में 200 एसएमए पर सहारा लेने के बाद इसने पहली बार मार्च 2015 में 200 एसएमए को छुआ, मगर वहाँ से सहारा ले कर पलट गया। अब इसने यह सहारा तोड़ दिया है।
अब सवाल है कि अगर बाजार में कमजोरी बन गयी है तो यह नीचे कहाँ तक फिसल सकता है? दूसरी बात, कि अगर यहाँ से या थोड़ा नीचे से यह वापस सँभल कर ऊपर लौटने लगे तो कैसे समझें कि यह छोटी-मोटी वापस उछाल (पुल बैक) है या बाजार फिर से ऊपरी चाल पकड़ने लगा है?
अगर हम सेंसेक्स के 4 मार्च 2015 को बने उच्चतम स्तर 30,025 से 27 मार्च 2015 की तलहटी 27,248 तक गिरावट और फिर 15 अप्रैल 2015 के शिखर 29,095 तक की तेजी की संरचना में मौजूदा गिरावट के विस्तार (प्रोजेक्शन) के स्तर देखें तो 80% विस्तार 26,874 पर और 100% विस्तार 26,318 पर है। इसलिए संभव है कि 80% विस्तार के स्तर पर यह थोड़े समय के लिए सहारा ले। संयोग से 30 अप्रैल 2015 का निचला स्तर भी इसके पास ही है। मगर इस बात की काफी संभावना बनती है कि इस संरचना में यह 100% विस्तार के लक्ष्य यानी 26,318 को छूने के लिए आगे बढ़े।
इसके बाद अगर यह 26,874 के पास या फिर 26,318 का लक्ष्य छूने के बाद सँभल कर ऊपर की ओर लौटता है तो उस उछाल पर कितना यकीन किया जाये? दरअसल ऐसी किसी उछाल में इसे कदम-कदम पर बाधाएँ मिलेंगी। पहले तो यह 61.8% विस्तार के स्तर 27,379 पर अटक सकता है। इसके बाद 38.2% विस्तार के स्तर 28,034 पर इसके लिए एक बड़ी बाधा होगी। छोटी अवधि की चाल फिर से तेज होने के लिए जरूरी होगा कि यह पहले अपने 10 एसएमए के ऊपर लौटे, फिर मध्यम अवधि की चाल के लिहाज से 20 एसएमए और 50 एसएमए के ऊपर लौटना जरूरी होगा। अभी 10 एसएमए 27,588 पर, 20 एसएमए 28,105 पर और 50 एसएमए 28,500 पर है, मगर जैसा कि चार्ट में दिख रहा है, ये तीनों ही नीचे आने लगे हैं। लिहाजा इनसे मिलने वाली बाधा भी दिनों-दिन नीचे खिसकती जायेगी। वहीं इस संरचना में गौर करने वाली अगली खास बात यह है कि 100% विस्तार पूरा होने के बाद भी अगर गिरावट जारी रही तो नीचे के अगले लक्ष्य 25,258 और फिर 24,603 के बनते हैं।
इसी तरह निफ्टी के चार्ट में मार्च और अप्रैल 2015 के उतार-चढ़ाव का विस्तार देखें तो 8,845 से शुरू हुई गिरावट में 80% विस्तार 8,165 का है और 30 अप्रैल का निचला स्तर इसके पास 8,145 की है। अगर यह और फिसला तो 100% विस्तार यानी 7,995 तक जाना बहुत स्वाभाविक होगा। इनमें से किसी भी स्तर से वापस सँभलने पर आने वाली वापस उछाल में इसे 8,319 और फिर 8,520 के पास बड़ी बाधाएँ मिलेंगी। वहीं 100% विस्तार के भी नीचे जाने पर 7,670 और फिर 7,469 के अगले बड़े लक्ष्य बनते हैं।
अगर लंबी अवधि के चार्ट पर निगाह डालें तो अगस्त 2013 के बाद यह पहला ऐसा मौका है जब दैनिक या साप्ताहिक चार्ट पर निचले शिखर (लोअर टॉप) और निचली तलहटी (लोअर बॉटम) की संरचना बननी शुरू हुई है। सेंसेक्स ने मार्च 2015 में 30,025 के रिकॉर्ड स्तर के बाद अप्रैल 2015 में 29,095 का निचला शिखर बनाया। वहीं मार्च 2015 की तलहटी 27,248 से नीचे अप्रैल में 26,898 तक का निचला स्तर दिख गया। अब अगर यहाँ से बाजार थोड़ा सँभले भी तो निचली तलहटियों का एक सिलसिला बनता तो नजर आ ही रहा है। ऐसे में काफी संभावना बनती है कि अगली वापस उछाल में सेंसेक्स 29,095 के ठीक पिछले बड़े शिखर को पार नहीं कर पाये।
निफ्टी के साप्ताहिक चार्ट पर गौर करने वाली बात है कि इसने 52 हफ्तों के एसएमए (27,045) को छू लिया है। यह लंबी अवधि के लिहाज से निफ्टी के लिए एक खास सहारा है और इसके नीचे फिसलना खतरनाक होगा। संयोग से अगस्त 2013 की तलहटी 17,449 से मार्च 2015 में बने रिकॉर्ड स्तर 30,025 तक की उछाल की 23.6% वापसी भी इसके पास ही 27,057 पर है। इन स्तरों से और नीचे गिरने पर इस संरचना में अगला बड़ा मुकाम 38.2% वापसी यानी 25,221 का है। वहाँ सेंसेक्स के लिए लगभग 25,000 का एक बड़ा मनोवैज्ञानिक सहारा भी होगा, इसलिए फिलहाल उससे नीचे की स्थितियों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं लगती।
निफ्टी के साप्ताहिक चार्ट को देखें तो यहाँ भी बिल्कुल वैसी ही तस्वीर है। इसमें मार्च 2015 के शिखर 9,119 के बाद अप्रैल 8,845 का निचला शिखर बना और मार्च की तलहटी 8,269 से नीचे के स्तर अप्रैल के अंत में दिख चुके हैं। यानी निचला शिखर और निचली तलहटी दोनों का सिलसिला बन गया है। साथ ही फरवरी 2014 के बाद पहली बार इसने 52 हफ्तों के एसएमए को छुआ है। इसमें भी अगस्त 2013 की तलहटी 5,119 से मार्च 2015 के शिखर 9,119 तक की उछाल की 23.6% वापसी का स्तर 8,175 अभी 52 हफ्तों के एसएमए (8,124) के पास है। इन स्तरों से नीचे फिसलने पर 38.2% वापसी का स्तर 7,591 पर है, यानी वहाँ तक फिसलने की काफी संभावना बन सकती है।
लेकिन ध्यान रखें कि दैनिक चार्ट पर 200 एसएमए छूने के बाद जो तलहटी बनती है, वह अक्सर अगले कई सालों की तेजी के लिए एक मजबूत आधार बनाती है। वहीं नीचे के जो लक्ष्य नजर आ रहे हैं, उन स्तरों तक बाजार का गिरना कोई पत्थर की लकीर नहीं है। इसलिए मौजूदा स्तरों से ही यह रणनीति अपना लें कि बुनियादी मजबूती और अच्छे प्रबंधन वाली कंपनियों के शेयरों को निचले भावों पर लगातार चुन कर खरीदते रहें। गौर करने वाली बात यह है कि सेंसेक्स-निफ्टी के सारे दिग्गज शेयर सूचकांक के साथ ही अपने शिखर या तलहटी नहीं बनाते। उनके समय में थोड़ा अंतर हो सकता है। लिहाजा निवेश के नजरिये से चुनिंदा शेयरों की अपनी-अपनी चाल पर भी गौर करना उतना ही जरूरी है। मोटे तौर पर बाजार में आयी मौजूदा गिरावट को अगले कई सालों के निवेश के लिए मजबूत पोर्टफोलिओ बनाने के मौके की तरह इस्तेमाल करें। Rajeev Ranjan Jha

(शेयर मंथन, 04 मई 2015)

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