सरकार को अब परिणाम दिखाने होंगे और सुधारों को आगे बढ़ाना होगा।
अर्थव्यवस्था इस समय एक ऐसी अनुकूल स्थिति में है, जहाँ महँगाई दर कम है, कच्चे तेल के दाम नीचे हैं, डॉलर और रुपये का समीकरण सँभाली जा सकने वाली हालत में है, एफआईआई निवेश का प्रवाह ठीक है और एक स्थिर सरकार है। अगर महँगाई दर और चालू खाते के घाटे (सीएडी) को नियंत्रण में रखा जा सका, और कच्चे तेल के दाम नीचे बने रहे तो भारतीय बाजार की चाल अन्य बाजारों से तेज रहेगी।
हालाँकि इस समय बड़ी चिंताएँ यह हैं कि डॉलर मजबूत होता दिख रहा है, आर्थिक सुधार अभी नहीं हो पाये हैं और निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र डाँवाडोल बना हुआ है। साथ ही आपूर्ति पक्ष से जुड़े सुधार अभी बाकी हैं। निर्यात भी कमजोर है। इसके अलावा सरकारी बैंक भारी मात्रा में डूबे कर्ज (एनपीए) की समस्या से जूझ रहे हैं। विजय चोपड़ा, एमडी एवं सीईओ, इनोच वेंचर्स (Vijay Chopra, MD & CEO, Enoch Ventures)
(शेयर मंथन, 06 जनवरी 2015)