भारत सोया हुआ अजगर है। जब यह पूरी शक्ति के साथ जग जाये तो इसे रोकना असंभव हो जायेगा।
अगले 10 वर्षों में यह विश्व की शीर्ष आठ शक्तियों में से एक होगा। अगर सरकार भारत के आर्थिक विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाये तो एक नया भारत बस बनने ही वाला है। सरकार को चाहिए कि वह भारतीय नागरिकों को पूँजी बाजार में ज्यादा व्यापक ढंग से भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करे, ताकि उन्हें आर्थिक प्रगति का फायदा मिल सके।
इस समय अंतरराष्ट्रीय कारक सबसे बड़ी चिंता हैं। एफआईआई की बिकवाली से शेयर बाजार में बनी सकारात्मक धारणा कमजोर पड़ सकती है। हालाँकि सकारात्मक पहलू यह है कि केंद्र में बहुमत वाली सरकार सुधारों को लेकर साहसिक कदम उठा सकती है, जिससे भारत के आर्थिक विकास में तेजी आयेगी। यह जरूर है कि आँकड़ों में इनका सकारात्मक असर दिखने में अभी कई तिमाहियाँ लग सकती हैं। प्रबीर कुमार सरकार, निदेशक, कल्याणी कंसल्टेंसी (Prabeer Kumar Sarker, Kalyani Consultancy)
(शेयर मंथन, 06 जनवरी 2015)