निपुण मेहता, सीईओ, ब्लूओशन कैपिटल
लंबी अवधि के लिए बाजार का रुझान सकारात्मक बना हुआ है। हालाँकि अगले छह महीनों में बाजार की चाल पर सबसे ज्यादा प्रभाव इसका होगा कि सरकार सुधारों को कितना आगे बढ़ाती है।
संसद में सुधारों से संबंधित विधेयकों को पारित नहीं हो पा रहे हैं, यह मुख्य चिंता है। साथ ही इस पर भी नजर है कि 2016 में फेडरल रिजर्व किस गति से ब्याज दरों को बढ़ाता है। सकारात्मक बात यह है कि उभरते बाजारों की अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेज है। साथ ही उम्मीद है कि अब तक हुए सुधारों का असर अब दिखना शुरू होगा। (शेयर मंथन, 08 जनवरी 2016)