वैभव अग्रवाल, वीपी - रिसर्च, एंजेल ब्रोकिंग
अर्थव्यवस्था और जनांकिकी कारकों के अनुकूल होने के चलते आय में मजबूत वृद्धि, उभरते बाजारों के मुकाबले भारत की तुलनात्मक मजबूती और घरेलू इक्विटी में बढ़ती खुदरा भागीदारी से अगले कुछ वर्षों में निवेशकों को बाजार से तगड़ा मुनाफा मिल सकता है।
कमोडिटी भावों का कम होना, ब्याज दरों में गिरावट और घरेलू विकास बाजार के लिए सकारात्मक हैं। पर वैश्विक विकास दर चिंता का सबब बनी हुई है। (शेयर मंथन, 8 जनवरी, 2016)